Monday 27 December 2021

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रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी अरब ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों के खिलाफ लगातार हवाई हमले कर रहा है। सऊदी गठबंधन सेना ने कहा कि उसने विद्रोहियों का हथियारों का गोदाम तबाह कर दिया है। अभी कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को भेजी जा रही 1400 एके-47 राइफल को अरब सागर में एक मछली पकड़ने वाली नौका से पकड़ा था। सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक हूती विद्रोही अल तशरीफात कैंप में हथियार भेजने की कोशिश कर रहे थे और इसी के जवाब में तत्‍काल हवाई हमला किया गया। यमन में साल 2014 से गृहयुद्ध चल रहा है और वहां सरकार के खिलाफ ईरान समर्थक हूती विद्रोही जंग छेड़े हुए हैं। हूती विद्रोहियों ने देश के ज्‍यादातर उत्‍तरी हिस्‍से को अपने कब्‍जे में कर लिया है। ये विद्रोही अक्‍सर सऊदी अरब पर ड्रोन हमले करते रहते हैं। हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले में सऊदी के दो लोगों की मौत हूती विद्रोहियों के हमले में सऊदी अरब को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सऊदी अरब लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि ईरान हूती व्रिदोहियों को घातक हथियार मुहैया करा रहा है। वहीं हिज्‍बुल्‍ला हूती विद्रोहियों को ट्रेनिंग दे रहा है। ईरान ने सऊदी अरब के इन आरोपों को खारिज किया है। शनिवार को हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले में सऊदी अरब के दो लोगों की मौत हो गई थी। तीन साल में यह अपनी तरह की पहली मौत थी। इसके बाद सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ बड़ा सैन्‍य अभियान शुरू किया था। इससे पहले भारत से सटे अरब सागर में एके-47 की एक बड़ी तस्करी पकड़ी गई थी। अमेरिकी नौसेना ने पिछले दिनों बताया था कि उसकी पांचवी फ्लीट ने गश्ती के दौरान उत्तरी अरब सागर से 1400 एके-47 राइफलें और गोला--बारूद को बरामद किया है। ये राइफलें एक मछली पकड़ने वाली बोट पर छिपाई गईं थीं। बड़ी बात यह है कि यह बोट किसी भी देश में रजिस्ट्रेशन के बिना समुद्र में घूम रही थी। नौसेना ने दावा किया है कि इन एके-47 राइफलों को यमन में हूती विद्रोहियों को भेजा जा रहा था। शक जताया गया है कि इनका निर्माण ईरान में किया गया है। ईरानी जहाज से असॉल्ट राइफलें, लाइट मशीन गन मिले अधिकारियों ने बताया था कि उन्हें इस जहाज से वाणिज्यिक शिपिंग और उनके नेविगेशन को खतरा पैदा होने का अंदेशा था। ऐसे में आदेश मिलने पर जहाज से चालक दल और हथियारों को हटाकर उसे समुद्र में डूबा दिया गया। इस साल 11 फरवरी को अमेरिकी नौसेना के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर यूएसएस विंस्टर्न एस चर्चिल ने अंतराष्ट्रीय कानून के अनुसार, सोमालिया के तट पर एक स्टेटलेस शिप से हथियारों की बड़ी बरामदगी की थी। इसमें एके-47 असॉल्ट राइफलें, लाइट मशीन गन, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर और भारी स्नाइपर राइफल सहित कई दूसरे हथियार मिले थे।


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Sunday 26 December 2021

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रोम पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते कुछ पारिवारिक परेशानियां बढ़ गई हैं, लेकिन विवाहित लोगों को विवाह के संबंध में तीन शब्दों 'आग्रह, आभार तथा क्षमा' को सदैव याद रखना चाहिये। फ्रांसिस का विवाहित दंपत्तियों को लिखा एक पत्र रविवार को यीशु के परिवार की स्मृति में एक कैथोलिक उत्सव के दिन जारी हुआ। पोप ने पत्र में लिखा कि लॉकडाउन और पृथकवास के चलते परिवारों को अधिक समय साथ बिताने का अवसर मिला था, लेकिन इस तरह जबरदस्ती साथ रहना कई बार माता-पिता और भाई-बहनों के धैर्य की परीक्षा लेता है और कुछ मामलों में परेशानियों का कारण बनता है। फ्रांसिस ने पत्र में लिखा, 'पहले से व्याप्त परेशानियां और बढ़ गई हैं, जिससे संघर्ष पैदा हो रहे हैं। कुछ मामलों में ये संघर्ष असहनीय हो जाते हैं। कई बार तो रिश्ते में अलगाव तक की नौबत आ जाती है।' उन्होंने लिखा, 'विवाह का टूटना काफी दुखदायी होता है क्योंकि कई आशाएं दम तोड़ देती हैं और गलतफहमियों के चलते टकराव बढ़ता है और इस पीड़ा से आसानी से पार नहीं पाया जा सकता। बच्चों को अपने माता-पिता को अलग-अलग देखकर पीड़ा का सामना करना पड़ता है।' पोप ने कहा, 'याद रखिये, क्षमा हर घाव को भर देती है।' पोप ने कहा कि विवाह के संबंध में तीन महत्वपूर्ण शब्द सदैव याद रखें: 'आग्रह, आभार और क्षमा।'


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मॉस्को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि अगर पश्चिमी देश नाटो का विस्तार यूक्रेन तक नहीं करने की सुरक्षा गारंटी की उनकी मांग को पूरा नहीं करते हैं तो वह अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे। उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में मॉस्को ने सुरक्षा दस्तावेज का मसौदा जमा किया था जिसमें मांग की गई थी कि नाटो यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के देशों को सदस्यता देने से इनकार करे और मध्य एवं पूर्वी यूरोप में सैन्य तैनाती को वापस ले। पुतिन ने आह्वान किया कि पश्चिम उनकी मांगों को जल्द पूरा करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पश्चिमी देश हमारे देश के करीब ‘आक्रमकता’ को जारी रखेंगे तो मॉस्को ‘उचित सैन्य और प्रौद्योगिकीय कदम’ उठाएगा। रूस के सरकारी टेलीविजन चैनल पर पुतिन के बयान का प्रसारण रविवार को किया गया। जब उनसे मॉस्को के संभावित कदम को बताने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह विभिन्न प्रकार के हो सकते’’हैं। पुतिन ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि ‘यह हमारे सैन्य विशेषज्ञों द्वारा मेरे समक्ष पेश किए गए प्रस्ताव पर आधारित होगा।’ उल्लेखनीय है कि अमेरिका और उसके साझेदार रूस को यूक्रेन पर उस तरह की गारंटी देने से इनकार कर चुके हैं जैसा पुतिन चाहते हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि अर्हता रखने वाले किसी भी देश के लिए नाटो की सदस्यता खुली है। हालांकि वे रूस की चिंताओं पर चर्चा के लिए उसके साथ अगले महीने वार्ता करने पर सहमत हुए हैं। पुतिन ने कहा कि जिनेवा में अमेरिका के साथ वार्ता होगी। समानांतर वार्ता भी रूस और नाटो के साथ होगी और यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के लिए बने इस संगठन के साथ विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। पुतिन ने कहा कि रूस ने अपनी मांग रख दी है और उम्मीद करता है कि पश्चिम से सकरात्मक जवाब आएगा।


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बीजिंग ताइवान को प्रतिनिधि ऑफिस खोलने की अनुमति देने के बाद चीन ने यूरोप के छोटे से देश लिथुआनिया को 'इतिहास के कचड़े के डिब्‍बे' में भेज देने की धमकी दी है। चीन जहां दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है, वहीं लिथुआनिया की जनसंख्‍या मात्र 30 लाख है। लिथुआनिया के ताइवान को अनुमति देने से चीन लाल हो गया है जो उसे अपना एक हिस्‍सा मानता है। इससे पहले अगस्‍त महीने में लिथुआनिया ने कहा था कि वह ताइवान को उसके अपने नाम से एक कार्यालय को खोलने की अनुमति देगा। इस ऐलान के बाद चीन ने लिथुआनिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। चीन ने लिथुआनिया से अपने राजनयिक रिश्‍ते को भी कम कर दिया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ लिजिन ने कहा कि लिथुआनिया सार्वभौमिक सिद्धांतों के दूसरी तरफ खड़ा है जिसका कभी सुखद अंत नहीं होगा। लिथुआनिया चीन को लगातार ललकार रहा झाओ ने चेतावनी दी कि जो लोग ताइवान के अलगाववादी ताकतों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दे रहे हैं, उन्‍हें इतिहास के कूड़े के डिब्‍बे में भेज दिया जाएगा। बता दें कि लिथुआनिया दुनिया की महाशक्तियों में शुमार चीन को लगातार ललकार रहा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध आजतक के इतिहास में सबसे निचले स्तर पर हैं। चीन और लिथुआनिया के नेता जुबानी जंग में भी एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। चीन चाहता है कि लिथुआनिया तुरंत ताइवान के साथ अपने संबंधों को खत्म करे, जबकि यह देश इसे संप्रभु फैसला बताते हुए पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच चीन की धमकियों की परवाह न करते हुए लिथुआनिया के एक सांसद ने पिछले दिनों बीजिंग को 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कॉमेडी' तक बता दिया था। दरअसल, चीन का पूरा नाम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना है। यह सांसद कोई और नहीं, बल्कि एक हफ्ते पहले ही ताइवान गए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले लिथुआनियाई नेता मातस मालदेइकिस हैं। लिथुआनिया ने इस साल की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वकांक्षी मिशन सीईईसी को छोड़ने का ऐलान किया था। ताइवान के साथ राजनयिक संबंध भी बहाल किया इस फोरम को 2012 में चीन ने शुरू किया था। इसमें यूरोप के 17 देश शामिल हैं, जबकि 18वां देश खुद चीन है। लिथुआनिया के विदेश मंत्री गेब्रिलियस लैंड्सबर्गिस ने चीन के सीईईसी फोरम को विभाजनकारी बताया था। इस परियोजना के तहत चीन मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है। इतना ही नहीं, लिथुआनिया ने इसके बाद चीन को उकसाने के लिए ताइवान के साथ राजनयिक संबंध भी बहाल किया है।


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सोफिया साल 2021 बीत रहा है और कुछ ही दिनों बाद नया साल शुरू हो जाएगा। इस बीच अमेरिका में अलकायदा के 9/11 हमले से लेकर सुनामी तक की सटीक भविष्‍यवाणी करने वाली बुल्‍गारिया की भविष्‍यवक्‍ता बाबा वेंगा ने चेतावनी दी है कि साल 2022 में कोरोना से भी घातक वायरस आएगा। यही नहीं उन्‍होंने यह भी कहा है कि नए साल में एलियन धरती पर हमला कर सकते हैं। टिड्ड‍ियों के हमले से भारत में भुखमरी आ सकती है। बाबा वेंगा को बाल्‍कन क्षेत्र का नास्‍त्रेदमस भी कहा जाता है। बाबा वेंगा असली नाम वेंगेलिया गुश्‍तेरोवा है और उनकी 1996 में मौत हो गई थी। बाबा वेंगा का जन्‍म साल 1911 में हुआ था और उन्‍होंने दावा किया था कि ईश्‍वर ने उन्‍हें भविष्‍य को देखने का दुर्लभ तोहफा दिया है। मात्र 12 साल की उम्र में एक भीषण तूफान में बाबा वेंगा के आंखों की रोशनी चली गई थी। उन्‍होंने खुद अपनी मौत की सटीक भविष्‍यवाणी की थी। बाबा वेंगा ने साल 1996 में मरते समय साल 5079 तक के लिए अपनी भविष्‍यवाणी बता दी थी। बाबा वेंगा की अब तक कई भविष्‍यवाणी सच बाबा वेंगा का मानना था कि साल 5079 में दुनिया का अंत हो जाएगा। वेंगा ने मरने से पहले सोवियत संघ के विघटन, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले, 2004 की सुनामी, अफ्रीकी अमेरिकी मूल के व्यक्ति के अमेरिकी प्रेजिडेंट बनने, ब्रिटेन की राजकुमारी डायना के मौत और 2010 के अरब स्प्रिंग जैसी कई सटीक भविष्यवाणियां की थीं। अब साल 2022 के लिए उनकी भविष्‍यवाणी सामने आ गई है। बाबा वेंगा की साल 2022 के लिए भविष्‍यवाणी टाइम्‍स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक बाबा वेंगा का दावा है कि नए साल में दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। ऑस्‍ट्रेलिया और कई एशियाई देशों में भीषण बाढ़ आएगी। उन्‍होंने कहा कि कोरोना से भी खतरनाक वायरस साल 2022 में दस्‍तक दे सकता है। उन्‍होंने कहा कि वैज्ञानिकों का एक दल साइबेरिया में एक नए वायरस को खोज निकालेगा जो अभी तक बर्फ में जमा हुआ था। दुनियाभर में पीने का पानी चिंता का विषय बना हुआ है। बाबा वेंगा का दावा है कि आने वाले साल में दुनिया के कई देशों में पीने के पानी का संकट पैदा हो सकता है। टिड्डी दल के हमले से साल 2021 में दुनिया परेशान थी। बाबा वेंगा का दावा है कि टिड्ड‍ियों का दल भारत में फसलों और खेतों पर भीषण हमला करेगा जिससे भारत में भीषण भुखमरी आ सकती है। बता दें कि भारत में साल 2020 में टिड्ड‍ियों ने राजस्‍थान, गुजरात और मध्‍य प्रदेश में भीषण हमला किया था और फसलों को चट कर दिया था। बाबा वेंगा ने कहा है कि साल 2022 में ऐस्‍टरॉइड Oumuamua को एलियन भेजेंगे ताकि धरती पर जीवन की तलाश की जा सके।


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जोहानिसबर्ग दक्षिण अफ्रीका में नस्ली न्याय और एलजीबीटी अधिकारों के संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले कार्यकर्ता और केप टाउन के सेवानिवृत्त एंग्लिकन आर्चबिशप डेसमंड टूटू का निधन हो गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने रविवार को यह जानकारी दी। टूटू 90 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेसमंड टूटू के निधन पर गहरा दुख जताया है। रंगभेद के कट्टर विरोधी, काले लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के खात्मे के लिए टूटू ने अहिंसक रूप से अथक प्रयास किए। उत्साही और मुखर पादरी ने जोहानिसबर्ग के पहले काले बिशप और बाद में केप टाउन के आर्चबिशप के रूप में अपने उपदेश-मंच का इस्तेमाल किया और साथ ही घर तथा विश्व स्तर पर नस्ली असमानता के खिलाफ जनता की राय को मजबूत करने के लिए लगातार सार्वजनिक प्रदर्शन किया। टूटू को न केवल दक्षिण अफ्रीका में बल्कि पूरी दुनिया में चर्चित पीएम मोदी ने टूटू के निधन पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'डेसमंड टूटू विश्‍वभर में अ‍नगिनत लोगों के लिए राह दिखाते थे। उनका मानवीय गरिमा और समानता के लिए जोर देना हमेशा याद किया जाएगा।' बता दें कि नोबेल पुरस्‍कार पाने वाले टूटू नस्‍ली समानता के लिए कभी भी सच बोलने से नहीं घबराए। टूटू को न केवल दक्षिण अफ्रीका में बल्कि पूरी दुनिया में काफी चर्चित थे। दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति रामफोसा ने कहा कि टूटू एक चर्चित आध्‍यात्मिक नेता, रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने वाले कार्यकर्ता और विश्‍वभर में मानवाधिकारों के समर्थक थे। उन्‍होंने टूटू को एक राष्‍ट्रभक्‍त करार दिया जो असाधारण बुद्धिकौशल, निष्‍ठा से भरे हुए थे। साथ ही नस्‍लभेद के शिकार लोगों की मदद करते थे।


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इस्‍लामाबाद पाकिस्तान में अगले आम चुनाव से पहले पीएमएल-एन सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संभावित वापसी की अफवाहों को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, जो पूर्व प्रधानमंत्री के भाई भी हैं, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नवाज शरीफ पूरी तरह से ठीक होने तक वापस नहीं आएंगे। नवाज शरीफ की वापसी की अटकलें ऐसे समय पर लगाई जा रही हैं जब कहा जा रहा है कि सेना के साथ उनका तालमेल फिर से ठीक हो गया है। शनिवार को जारी एक बयान में, शहबाज शरीफ ने कहा कि नवाज शरीफ ब्रिटेन में कानूनी रूप से तब तक रह सकते हैं जब तक कि ब्रिटिश गृह कार्यालय द्वारा वीजा बढ़ाने की अस्वीकृति के खिलाफ उनकी अपील पर आव्रजन न्यायाधिकरण नियम नहीं बनाते। इस बीच, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक ट्वीट में कहा , ‘इस नकली सरकार ने नवाज शरीफ से अपनी हार स्वीकार कर ली है, जो पाकिस्तान का वर्तमान और भविष्य है। एक बड़े व्यक्तित्व को निशाना बनाकर, एक पिग्मी का कद ऊंचा नहीं किया जा सकता है।’ चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित जवाबदेही और आंतरिक बैरिस्टर पर प्रधानमंत्री (एसएपीएम) के विशेष सहायक, शहजाद अकबर ने सवाल किया कि क्या नवाज शरीफ देश की राजनीति में भाग ले सकते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी घोषित कर दिया और उन्हें जीवन के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। साथ ही एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें एनएबी मामले में दोषी ठहराया। अकबर ने कहा, ‘नवाज शरीफ को फिर से चुनाव लड़ने में सक्षम करने के लिए यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि बार काउंसिल अदालत में याचिका दायर कर रही है। बार काउंसिल के लिए अदालत में याचिका दायर करना उचित नहीं है। मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें चौथी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाना कानूनी रूप से कैसे व्यवहार्य है।’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने हाल ही में नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल द्वारा इस मुद्दे को उठाना एक राजनीतिक निर्णय है। सुप्रीम कोर्ट बार एक पेशेवर निकाय है, इसलिए इसे खुद को राजनीतिक मामलों में शामिल होने से बचना चाहिए। नवाज शरीफ के मामले के संबंध में परिषद से एक आवेदन जमा करना उचित नहीं था। उन्होंने अब तक कदम नहीं उठाया है। मैं उनसे समीक्षा करने का आह्वान करता हूं ।’


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रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी...