
इस्लामाबाद पैसे की भारी कमी से जूझ रहा पाकिस्तान विदेशी संस्थाओं से लगातार कर्ज लेता जा रहा है। पिछले तीन दिनों के अंदर पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक से करीब 130 अरब रुपये का लोन लिया है। गुरुवार को ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर (36,22,37,00,000 रुपये) का कर्ज देने का ऐलान किया था। जिसके बाद शुक्रवार को को पाकिस्तान और विश्वबैंक के बीच 1.3 बिलियन डॉलर के नए कर्ज पर सहमति बनी है। पहले से ही हर पाकिस्तानी नागरिक के ऊपर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज चढ़ा हुआ है। पाकिस्तान सरकार और विश्व बैंक के बीच हुआ समझौता विश्व बैंक से कर्ज ली गई राशि में 200 मिलियन डॉलर टिड्डियों के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा। पाकिस्तान के प्रांतीय सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ विश्व बैंक की तरफ से पाकिस्तान के डॉयरेक्टर नूर अहमद और नाजी बेन्हासिन ने सात तरह के अलग-अलग लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री मखदूम खुसरो बख्तियार भी उपस्थित थे। आईएमएफ ने भी 500 मिलियन डॉलर का दिया कर्ज 25 मार्च को ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज देने पर सहमति जताई थी। आईएमएफ ने नकदी संकट से जूझ रहे इस देश की आर्थिक प्रगति से संबंधित चार लंबित समीक्षाओं को मंजूरी दे दी है। आईएमएफए ने 2019 में पाकिस्तान को 39 माह की विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत छह अरब डॉलर का ऋण देने की सहमति दी थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें बाधा आई। नए कर्ज से पाकिस्तान में बढ़ेगी महंगाई आईएमएफ ने पाकिस्तान को जो कर्ज दिया है उसको लेकर कड़ी शर्तें लगाई गई हैं। कई अर्थशास्त्रियों ने दावा किया है कि आईएमएफ के इस कर्ज से पाकिस्तान में महंगाई दर और ज्यादा बढ़ेगी। इसमें पावर सेक्टर में टैरिफ बढ़ाने और टैक्स ब्रेक को खत्म करने की बात कही गई है। पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक आने वाले दिनों में महंगाई को रोकने के लिए ब्याजदरों बढ़ोत्तरी कर सकता है। हर पाकिस्तानी पर 1 लाख 75 हजार का कर्ज पाकिस्तान यह कर्ज ऐसे समय पर ले रहा है जब हाल में ही पाकिस्तान की संसद में सरकार ने कबूल किया है कि अब हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था। महंगे ब्याज पर कर्ज ले रहा पाकिस्तान पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले एक बयान जारी कर कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 के जुलाई-दिसंबर के दौरान इमरान खान सरकार को कई वित्तपोषण स्रोतों से बाहरी कर्जों के रूप में 5.7 बिलियन डॉलर की राशि मिली है। दिसंबर में पाकिस्तान सरकार ने विदेशों से 1.2 बिलियन डॉलर प्राप्त किए, जिसमें वाणिज्यिक बैंकों से महंगे ब्याज पर ली गई 434 मिलियन डॉलर की राशि भी शामिल है। पाकिस्तान को कर्ज मिलने में हो रही हैं मुश्किलें जी-20 देशों से कर्ज राहत के तहत, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रारूप के मुताबिक पूर्व की मंजूरी के अलावा, ऊंची दरों पर वाणिज्यिक कर्ज नहीं ले सकता। इस कारण चीन ही नहीं, पाकिस्तान के कई पसंदीदा देश भी निवेश करने या कर्ज देने से घबरा रहे हैं। हालात तो यहां तक आ गई है कि चीन भी कर्ज के बदले अतिरिक्त गारंटी मांग रहा है।
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