
Supermoon and Pink Moon: साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने अमेरिकन इंडियन मून नेम छापने शुरू किए। सुपरमून नाम 1979 में रिचर्ड नोल ने दिया था।

धरती पर महामारी के हाहाकार के बीच आसमान में देखें तो आंखों को कुछ पल की राहत मिल भी सकती है। दरअसल, इन दिनों चांद धरती के सबसे करीब है और 'सुपरमून' का यह नजारा दुनियाभर में देखा जा रहा है। इस दौरान चांद धरती के इर्द-गिर्द अपनी कक्षा में सबसे करीब होता है और इसलिए आम फुल मून से ज्यादा बड़ा होता है। धरती से देखने पर लगता है मानो करीब ही उतर आया हो। (तस्वीर: अमेरिका के इंडियाना में एक पार्क में बैठकर चांद को निहारता जोड़ा, AP Photo/Charlie Riedel)
बस एक छलांग दूर...

साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने अमेरिकन इंडियन मून नेम छापने शुरू किए। इसके मुताबिक अप्रैल का फुल मून पिंक मून कहलाता है। इसे एक पौधे के नाम पर ऐसा कहा जाता है जो अमेरिका में पाया जाता है। (तस्वीर: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी हार्बर ब्रिज के पीछे दिखता चांद, AP Photo/Mark Baker)
एक नहीं, कई नाम

पिंक मून के अलावा इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून जैसे कई नाम किए गए हैं। हिंदुओं में इसे हनुमान जयंती के तौर पर मनाया जाता है। बौद्ध धर्म यह बाक पोया होता है जब बुद्ध श्रीलंका पहुंचे थे और युद्ध को टाला था। (तस्वीर: सिडनी ओपरा हाउस के पीछे दिखा चांद, AAP Image/Mick Tsikas via REUTERS)
इस साल दो सुपरमून

सुपरमून नाम 1979 में रिचर्ड नोल ने दिया था। इस साल दो सुपरमून होने वाले हैं। दूसरा सुपरमून अगले महीने 26 मई को होगा। यह अप्रैल से ज्यादा करीब होगा। (तस्वीर: ब्रिटेन में रहस्यमय स्टोनहेंज पत्थरों के पीछे दिखा चांद, REUTERS/Toby Melville)
उतर आया चांद

ड्रेसडेन में कथेड्रल के पीछे दिखता चांद। (फोटो: REUTERS/Matthias Rietschel)
पिंक मून सिटी

न्यूयॉर्क की एंपायर स्टेट बिल्डिंग के ऊपर दिखा 'सुपर पिंक मून'। (तस्वीर: REUTERS/Eduardo Munoz TPX IMAGES OF THE DAY)
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