Thursday, 27 May 2021

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अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच चीन तेजी से एक लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर पर काम कर रहा है। यह बॉम्बर प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी नेवल बेस गुआम और आसपास के दूसरे सैन्य ठिकानों पर परमाणु हमला कर सकता है। हाल में ही चीन के स्टेट डिफेंस कॉर्पोरेशन नोरिन्को ने चीन के नए स्टील्थ स्ट्रैटजिक बॉम्बर जियान एच -20 की कंप्यूटर से बनी कुछ तस्वीरें जारी की है। इसमें वर्षों के बनाई जा रही युद्धक विमान की पहली झलक दिखाई गई है। इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन का यह बमवर्षक अमेरिका के बी-2 की हूबहू नकल है। इसमें हथियारों को रखने के लिए एक इंटरनल बे बना हुआ है। इसमें दो एडजस्टेबल टेल विंग और एक एयरबॉर्न रडार लगा हुआ है। इसके अलावा इस बॉम्बर में पायलटों के बैठने वाले कॉकपिट के दोनों साइड एक-एक एयर इंटेक भी बने हुए हैं। नोरिन्को मैगजीन ने इस तस्वीर को जारी करते हुए चीन के एच-20 को आकाश में युद्ध का देवता (god of war in the sky) का नाम दिया है।

China H-20 Bomber: चीन का नया H-20 बॉम्बर अमेरिका के गुआम बेस से लेकर हवाई तक पर वार कर सकता है। इसकी रेंज 5000 मील तक हो सकती है और यह परमाणु हथियार ले जा सकता है।


Xian H-20: चीन के इस नए लड़ाकू विमान से दहशत में दुनिया, अमेरिका के गुआम पर दाग सकता है परमाणु बम

अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच चीन तेजी से एक लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर पर काम कर रहा है। यह बॉम्बर प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी नेवल बेस गुआम और आसपास के दूसरे सैन्य ठिकानों पर परमाणु हमला कर सकता है। हाल में ही चीन के स्टेट डिफेंस कॉर्पोरेशन नोरिन्को ने चीन के नए स्टील्थ स्ट्रैटजिक बॉम्बर जियान एच -20 की कंप्यूटर से बनी कुछ तस्वीरें जारी की है। इसमें वर्षों के बनाई जा रही युद्धक विमान की पहली झलक दिखाई गई है। इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन का यह बमवर्षक अमेरिका के बी-2 की हूबहू नकल है। इसमें हथियारों को रखने के लिए एक इंटरनल बे बना हुआ है। इसमें दो एडजस्टेबल टेल विंग और एक एयरबॉर्न रडार लगा हुआ है। इसके अलावा इस बॉम्बर में पायलटों के बैठने वाले कॉकपिट के दोनों साइड एक-एक एयर इंटेक भी बने हुए हैं। नोरिन्को मैगजीन ने इस तस्वीर को जारी करते हुए चीन के एच-20 को आकाश में युद्ध का देवता (god of war in the sky) का नाम दिया है।



H-6 की जगह H-20 को तैनात करेगा चीन
H-6 की जगह H-20 को तैनात करेगा चीन

डिफेंस तकनीकी पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपने एच-6 स्ट्रेटजिक बॉम्बर्स को हटाकर अब आधुनिक एच-20 स्टील्थ बॉम्बर को तैनात करने की योजना बना रहा है। कई विशेषज्ञों ने यह भी आशंका जताई है कि चीन का यह विमान भी उसके दूसरे अन्य विमानों की तरह तकनीकी की चोरी कर बनाया गया है। इस विमान के पैटर्न अमेरिका के बी-2 और बी-21 बॉम्बर्स से मिलते जुलते हैं। वहीं नेशनल इंट्रेस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह विमान अब भी रहस्यमय बना हुआ है। जबकि अमेरिका के बी -2 और बी -21 बॉम्बर्स कॉम्बेट प्रूवन हैं जिन्हें कई युद्धों और खुफिया मिशन में आजमाया जा चुका है। ऐसे में यह विमान अमेरिका के सामने कोई बड़ी चुनौती खड़ी करने में सफल नहीं हो सकता है।



2019 में पहली बार दिखा था यह विमान
2019 में पहली बार दिखा था यह विमान

चीन ने अपने रहस्यमयी H-20 बॉम्बर को पहली बार 2019 में Zhuhai Airshow में प्रदर्शित किया था। वहीं, न्यूज़ीलैंड हेराल्ड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि H-20 सुपरसोनिक स्टील्थ बॉम्बर चीन की स्ट्राइक रेंज को डबल कर सकता है। दिलचस्प बात यह है कि अभी किसी भी प्लेटफार्म पर इस विमान के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। पेंटागन के 2018 और 2019 के वार्षिक चाइना मिलिट्री पॉवर रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। 2019 में प्रकाशित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक चाइना मिलिट्री पॉवर रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का H-20 विमान 8500 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। यह परमाणु और गैर परमाणु (पारंपरिक) हथियार ले जाने में सक्षम है।



अमेरिकी बी-2 ले जा सकता है 16 परमाणु बम
अमेरिकी बी-2 ले जा सकता है 16 परमाणु बम

B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्‍बर माने जाते हैं। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह दुश्‍मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्‍बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्‍मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर बॉम्‍बर माना जाता है।



अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 स्टील्थ विमान
अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 स्टील्थ विमान

वर्ष 1997 में एक B-2 स्पिरिट बॉम्‍बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्पिरिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर हैं। यह बॉम्‍बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्‍तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।





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