Tuesday, 1 June 2021

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इस्‍लामाबाद रूस ने भारत के धुर विरोधी पाकिस्‍तान के लिए अपना खजाना खोल दिया है। रूस ने ऐलान किया कि वह अपने कासूर शहर से पाकिस्‍तान के कराची शहर तक पाइपलाइन बिछाने के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किया है। इस डील के बाद अब पाकिस्‍तान में ऐसी उम्‍मीद जताई जाने लगी है कि रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन इस गैस पाइपलाइन की आधारशिला रखने के लिए कराची का दौरा कर सकते हैं। इस गैस पाइप लाइन का नाम पहले नॉर्थ-साऊथ गैस पाइपलाइन था और अब इसका नाम पाकिस्‍तान स्‍टीम गैस पाइपलाइन कर दिया गया है। दोनों देश शीत युद्ध के समय से चली आ रही अपनी कटुता को भूलते हुए संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं। इस समझौते पर रूस और पाकिस्‍तान के बीच मूल रूप से वर्ष 2015 में समझौता हुआ था लेकिन रूसी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से 1122 किलोमीटर लंबी इस पाइप लाइन का काम शुरू नहीं हो सका। पूरे प्रॉजेक्‍ट पर करीब 2.25 अरब डॉलर का खर्च अब दोनों ही पक्षों ने सभी चुनौतियों को दूर कर लिया है और एक नए समझौते पर हस्‍ताक्षर किया है। इसके तहत गैस पाइपलाइन में 74 फीसदी हिस्‍सेदारी पाकिस्‍तान की होगी। इससे पहले पूरी पाइपलाइन को रूस बनाने वाला था। इस पूरे प्रॉजेक्‍ट पर करीब 2.25 अरब डॉलर का खर्च आएगा। एक बार पाइपलाइन जब पूरी हो जाएगी तो गैस से समृद्ध रूस इसका निर्यात पाकिस्‍तान को कर सकेगा। पाकिस्‍तानी अधिकारियों का दावा है कि इस परियोजना का न केवल आर्थिक महत्‍व है बल्कि पाकिस्‍तान के लिए रणनीतिक महत्‍व भी है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान अपनी विदेश नीति में विविधता लाने के लिए रूस के साथ रिश्‍तों को मजबूत करना चाहता है। इससे पहले करीब 9 साल के अंतराल के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव पाकिस्‍तान की यात्रा पर आए थे। इसी दौरान इमरान खान ने पुतिन को पाकिस्‍तान आने का न्‍यौता भेजा था। रूस-पाकिस्‍तान दोस्‍ती, भारत के लिए खतरे की घंटी पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक पुतिन तभी पाकिस्‍तान आना चाहते हैं जब उन्‍हें कुछ बड़ा बेचने को मिले। इस समझौते के बाद अब इस बात की संभावना जताई जाने लगी है कि पुतिन पाकिस्‍तान आ सकते हैं। रूस और पाकिस्‍तान अब काफी करीब आते दिख रहे हैं ज‍िसे भारत के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। वह भी तब जब भारत रूस से अपने आधे से अधिक हथियार आयात करता है। रूस भारत के विरोध के बाद भी अब पाकिस्‍तान को हथियार बेचने के लिए लालायित दिखाई दे रहा है। यही नहीं दोनों देशों की सेनाएं अक्‍सर नियमित अंतराल पर युद्धाभ्‍यास करती रहती हैं।


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