इस्लामाबाद अशरफ गनी के राज में अफगानिस्तान के भारत के साथ मजबूत रिश्तों का जोरदार विरोध करने वाले पाकिस्तान के तालिबान के शासन में सुर बदल गए हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत को अपनी छिछली सोच को छोड़ना होगा। हम भारत के अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्तों का विरोध नहीं करते हैं। तालिबान की मदद के लिए हजारों की तादाद में जिहादी भेजने वाले कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में किसी खास गुट पर फोकस नहीं किए हुए है। शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान एक समावेशी, व्यापक आधार वाली सरकार बनाने में मदद कर रहा है ताकि हमारे पड़ोसी देश में आगे शांति और स्थिरता आए। कुरैशी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना क्वेटा शहर में मौजूद तालिबान नेताओं के साथ मिलकर अफगानिस्तान में मंत्रियों की सूची बना रही है। 'भारत को अपनी सोच को बदलना होगा' कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय वही सोचता है, जो पाकिस्तान की राय है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर आज दुनिया पाकिस्तान की ओर देख रही है और अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मदद मांग रही है। भारत के बारे में कुरैशी ने कहा कि भारत को अपनी सोच को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ अफगानिस्तान के रिश्तों का विरोध नहीं करते हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री को इस बात से तीखी मिर्ची लगी है कि उनका देश अफगानिस्तान से लोगों को निकालने में इतनी मदद कर रहा है लेकिन दुनिया में इसे मान्यता नहीं दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि काबुल में पाकिस्तानी दूतावास लगातार काम कर रहा है और लोग वहां से निकाले जा रहे हैं। कुरैशी ने कहा, 'क्या हमें मान्यता दी जा रही है? नहीं। हमारा जिक्र तक नहीं किया जा रहा है।
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