
कराची भारत को धर्म के नाम पर बांटने वाले पाकिस्तान के संस्थापक कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना और उनकी बहन फातिमा जिन्ना की संपत्ति गायब हो गई है। इसको देखते हुए पाकिस्तान की एक अदालत ने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना और उनकी बहन फातिमा की सम्पत्ति और अन्य सामानों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। सिंध उच्च न्यायालय (एसएचसी) के आदेश के बाद, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति फहीम अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोग का गठन किया गया। अदालत ने जिन्ना अैर उनकी बहन के शेयर, आभूषणों, गाड़ियों और बैंक खातों में मौजूद पैसों सहित सम्पत्तियों से सम्बंधित 50 साल पुराने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था। पाकिस्तान की स्थापना के एक साल बाद सितंबर 1948 में जिन्ना का निधन हो गया था। क़ीमती सामान और सम्पत्ति अभी तक खोजी नहीं गई फातिमा का निधन कराची में 1967 में हुआ था। न्यायमूर्ति जुल्फिकार अहमद खान की अध्यक्षता वाली एसएचसी की पीठ ने सुनवाई के दौरान पाया था कि भाई-बहन के सभी सूचीबद्ध क़ीमती सामान और सम्पत्ति अभी तक खोजी नहीं गई है, जो जाहिर तौर पर गायब है। कई अन्य सामान, जो पहले की रिपोर्ट में दर्ज थे, वे तैयार की गई नवीनतम सूची में गायब थे। यह याचिका फातिमा के एक रिश्ते हुसैन वालिजी ने दायर की थी। इससे पहले इमरान खान सरकार को लगातार जख्म दे रहे बलूच विद्रोहियों ने पिछले दिनों मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को उड़ा दिया था। यह हमला पाकिस्तान के ग्वादर शहर में हुआ था जहां चीन चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के तहत अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने इस बम हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जिन्ना की इस मूर्ति को इस साल के शुरू में मरीन ड्राइव इलाके में लगाया गया था जिसे सुरक्षित इलाका माना जाता है।
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