
वॉशिंगटन साल 2017 में धरती के पास से गुजरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट Oumuamua वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इस रहस्यमय ऑब्जेक्ट को वैज्ञानिक एक के बाद एक नई व्याख्या दे रहे हैं जिससे पिछली थ्योरी बेकार हो जा रही है। अब एक ताजा व्याख्या यह दी गई है कि यह सिगार के आकार का ऑब्जेक्ट नाइट्रोजन आइसबर्ग नहीं है। इससे पहले इस ऑब्जेक्ट को एलियन शिप, ऐस्टरॉइड का टुकड़ा और उसके बाद नाइट्रोजन आइसबर्ग करार दिया था। हावर्ड के शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस ऑब्जेक्ट के नाइट्रोजन आइसबर्ग होने की अवधारणा असंभव है। उन्होंने न्यू एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित अपने शोध में यह भी बताया कि ऐसा क्यूं है। इससे पहले अक्टूबर 2017 में खगोलविदों को पहली बार पता चला था कि Oumuamua हमारे सोलर सिस्टम के पास से गुजर रहा है। उस समय ऑब्जेक्ट की रफ्तार 92 हजार किमी प्रतिघंटा थी। यह बहुत तेजी से हमारे सौर व्यवस्था में आया और सूरज के काफी पास से निकल गया था। शुद्ध नाइट्रोजन अंतरिक्ष में दुर्लभ वैज्ञानिकों को पता नहीं चल पाया कि Oumuamua को क्या चला रहा था और यह किस चीज का बना हुआ था। उधर, मार्च महीने में अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों एलन जैक्शन और स्टीव देस्च ने दावा किया कि उन्होंने इसका पता लगा लिया है। उन्होंने कहा कि यह नाइट्रोजन आइसबर्ग था जो हमारे सोलर सिस्टम से बाहर प्लूटो जैसे किसी ग्रह से निकला था। वैज्ञानिकों के इस दावे से कई लोग सहमत नहीं हैं। हावर्ड यूनिवर्सिटी के भौतिकविद आमिर सिराज का कहना है कि मैंने जिस समय उन शोधपत्रों को देखा तभी मैं जान गया था कि ऐसा कोई शारीरिक तंत्र नहीं है जिससे यह काम करे।' उनका कहना है कि आइसबर्ग का मत अभी भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में इतना नाइट्रोजन नहीं है जिससे Oumuamua का निर्माण हो सके। Oumuamua 1300 से लेकर 2600 फुट तक लंबा था। यह 115 से लेकर 548 फुट चौड़ा था। उन्होंने कहा कि शुद्ध नाइट्रोजन अंतरिक्ष में दुर्लभ है।
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