मॉस्को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद मंडरा रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के बीच भारत ने ऐलान किया है कि वह मास्को से हथियारों की खरीद जारी रखेगा। रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने रक्षा संबंधों को और ज्यादा मजबूत बनाने को लेकर आशान्वित है। भारतीय राजदूत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका की ओर से काट्सा प्रतिबंध लगने का खतरा है। भारत ने साफ कर दिया है कि अमेरिका के साथ रक्षा संबंध भले ही मजबूत हो रहे हैं लेकिन वह रूस के साथ अपनी दोस्ती को नहीं तोड़ेगा। साथ ही इसे और ज्यादा बढ़ाएगा। रूस की सरकारी संवाद एजेंसी तास के साथ बातचीत में वर्मा ने कहा कि अगले महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक द्विपक्षीय बैठक करने जा रहे हैं। इस दौरान रक्षा, अर्थव्यवस्था, व्यापार, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच और ज्यादा सहयोग बढ़ेगा। अमेरिका में तेज हो रही भारत को काट्सा प्रतिबंधों से छूट की मांग वर्मा ने कहा कि इस दौरान साल 2021 से 2031 के बीच में सैन्य और तकनीकी सहयोग की घोषणा होगी। उन्होंने कहा कि इस साल भारत की सेनाओं ने पिछले 5 महीने में रूस की ओर से आयोजित प्रत्येक सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया है। मोदी और पुतिन के बीच इस साल अप्रैल महीने में हुई बातचीत में 2+2 डायलाग बनाने पर सहमति हुई है। उन्होंने कहा कि नए ट्रेंड रणनीतिक स्थिरता को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर रहे हैं। भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है जिससे अब अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है। ये सिस्टम इस साल के आखिर तक भारत को मिल जाएंगे। ऐसे में अब अमेरिका में भी यह मांग तेज हो रही है कि भारत को काट्सा प्रतिबंधों से छूट दी जाए। यही नहीं भारत रूस से घातक युद्धपोत, राइफल और परमाणु रिएक्टर तक ले रहा है। इससे दोनों के बीच सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। रूसी हथियारों के बिना 'बेदम' हो जाएगी भारतीय सेना बता दें कि अमेरिका में यह मांग तेज हो रही है कि भारत पर यह बैन न लगाया जा जाए। अब एक अमेरिकी रिपोर्ट खुलासा हुआ है कि भारत की रूसी हथियारों और उपकरणों पर निर्भरता में उल्लेखनीय गिरावट आई है, लेकिन भारतीय सेना रूसी आपूर्ति वाले उपकरणों के बिना प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकती है। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में भारत की रूस की हथियार प्रणालियों पर निर्भरता बनी रहेगी। यह रिपोर्ट बाइडन प्रशासन के उस महत्वपूर्ण फैसले से पहले आई है जिसमें बाइडन प्रशासन को भारत की रूस से सैन्य हथियार की खरीद को सीमित करना होगा। स्वतंत्र निकाय सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट ‘रूसी हथियार बिक्री और रक्षा उद्योग’ में कहा है, ‘भारत और उसके बाहर कई विश्लेषकों का निष्कर्ष है कि भारतीय सेना रूसी उपकरणों के बिना प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकती और निकट भविष्य में रूसी हथियार प्रणालियों पर उसकी निर्भरता जारी रहेगी।’
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