वॉशिंगटन कोरोना से बचाव के लिए अभी तक वैक्सीन ही डॉक्टरों का मुख्य हथियार साबित हो रही है। लेकिन आने वाले समय में कोरोना वायरस की दवाई भी इस जंग में अहम भूमिका निभा सकती है। शुक्रवार को फाइजर कंपनी ने कहा कि उसकी एक्सपेरिमेंटल एंटीवायरल दवा वयस्कों में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मौत के जोखिम को 89 फीसदी तक कम कर सकती है। अमेरिका में कोरोना की दवा फिलहाल इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती है लेकिन फाइजर की दवा इस्तेमाल में आसान है। इससे पहले फाइजर की प्रतिस्पर्धी कंपनी मर्क ने कोविड-19 की दवा के निर्माण का दावा किया था। ब्रिटेन मर्क की दवा को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी दे चुका है। मर्क की दवा दुनिया में कोरोना वायरस की पहली गोली है। फाइजर का दावा है कि उसकी गोली मर्क की तुलना में ज्यादा प्रभावी है। कंपनी जल्द ही अपने अंतिम परीक्षण के नतीजे भी जारी कर सकती है। इन दावों ने रातों-रात फाइजर के शेयर के दाम बढ़ा दिए हैं। दिन में दो बार लेनी होगी दवाफाइजर के शेयर्स की कीमतें 13 फीसदी बढ़कर 49.47 डॉलर हो गई हैं। वहीं मर्क के शेयर के दाम 6 फीसदी की गिरावट के साथ 84.69 फीसदी हैं। हालांकि दोनों ही कंपनियों ने अपने ट्रायल का डेटा उपलब्ध नहीं कराया है। कंपनी ने बताया कि पैक्सलोविड ब्रांड नाम की इस गोली को मरीज को दिन में दो बार देना होता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पास इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन भेज दिया गया है। साइड इफेक्ट्स लेकिन अनुपात बेहद कमगोली से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी दी गई है, हालांकि इसका अनुपात बेहद कम है। दुनियाभर में कोविड-19 की दवाई की खोज जारी है। ताकि घातक बीमारी के चलते होने वाली मौतों को रोका जा सके और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या को कम किया जा सके। शुक्रवार को फाइजर ने अपने अध्ययन के शुरुआती परिणाम जारी करते हुए इस गोली के बारे में सूचना दी। इस स्टडी में 775 वयस्कों को शामिल किया गया था।
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