
नई दिल्ली/मॉस्को शाही जवाहरातों के क्रददानों की कोई कमी नहीं। पिछले हफ्ते जिनेवा में रूस के आखिरी सम्राट निकोलस द्वितीय के परिवार से ताल्लुक रखने वाले जवाहरात नीलाम हुए। 1917 की क्रांति के दौरान रूस से बाहर ले जाए गए ब्रोच और ईयररिंग्स $883,641 (करीब 6,57,61,000 रुपये) में नीलाम हुए हैं। इनके रूस से बाहर जाने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। असल में यह जूलरी है निकोलस II की चाची ग्रैंड डचेस मारिया पावलोवना की। रूस से भागने से पहले उन्होंने अपने एक दोस्त के हाथों 200 से ज्यादा शाही जवाहरात बाहर भिजवा दिए थे। अखबारों में लपेटकर बचाई गई जूलरीपावलोवना सेंट पीटर्सबर्ग की सोशल लाइफ की जान थीं। जवाहरातों की बड़ी शौकीन थीं। 1917 में जब रूस क्रांति से गुजर रहा था, शाही खजाने पर क्रांतिकारियों के हमले हो रहे थे। पावलोवना शाही खानदान के अन्य सदस्यों की तरह रूस से भागने की फिराक में थीं। मगर हालात इतने बिगड़ चुके थे उन्होंने अपने दोस्त और ब्रिटिश डिप्लोमेट अल्बर्ट हेनरी स्टॉपफर्ड को एक काम सौंपा। रॉयटर्स के अनुसार, स्टॉपफर्ड को चुपके से 360 कमरों वाले महल में भेजा गया। पावलोवना के बड़े बेटे बोरिस ने दरवाजे के नीचे से सरका कर जवाहरात स्टॉपफर्ड तक पहुंचाए। स्टॉपफर्ड ने जवाहरातों को अलग-अलग किया। फिर उनके टुकड़ों को पुराने अखबार में लपेटा। अपने साथ जवाहरातों के कुल 244 टुकड़े लेकर स्टॉपफर्ड लंदन चले आए और उन्हें एक बैंक में जमा करा दिया। पावलोवना 1919 में रूस से भागने में सफल रहीं मगर अगले साल फ्रांस में उनका निधन हो गया। जवाहरात उनकी बेटी, ग्रीस और डेनमार्क की राजकुमारी एलेना को दे दिए गए। कुछ वक्त तक परिवार के पास रहने के बाद 2009 की एक नीलामी में यह जूलरी नजर आई। हालांकि इस बार खरीदार ने टेलिफोन से बोली लगाई और दुनिया के सामने नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया। ब्रिटेन की महारानी के पास है मारिया का टियाराएलेना के परिवार के पास ही इस जूलरी की कस्टडी रही। वक्त-वक्त में जवाहरातों के टुकड़े नीलाम किए गए। इनमें व्लादिमीर टियारा भी शामिल है जिसे 1988 में क्वीन मैरी ने खरीदा। अब वो टियारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के पास है।
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