काहिरा पिरामिडों के देश मिस्र में पुरातत्वविदों को राजा फराओ के भव्य मंदिर के 2400 साल पुराने अवशेष मिले हैं। इन अवशेषों में कई नक्काशीदार पत्थर हैं जिस पर रहस्यमय अभिलेख बने हुए हैं। इस खोज को मिस्र और जर्मन विशेषज्ञों के एक दल ने अंजाम दिया है। ये अवशेष हेलीपोलिस में मतरिया पुरास्थल पर मिले हैं। प्राचीन काल में मतराया प्राचीन हेलिपोलिस का हिस्सा हुआ करता था। ये नक्काशीदार पत्थर और टुकड़े बेसाल्ट से बने हैं और माना जाता है कि ये पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे के राजा नेक्टानेबो प्रथम के मंदिर से संबंधित हैं। राजा नेक्टानेबो प्रथम ने प्राचीन मिस्र में चौथी शताब्दी ईसापूर्व में अंतिम राजवंश की स्थापना की थी। इस इलाके के पूरब में नील नदी बहती है। मिस्र के पुरातत्व से जुड़े विभाग का कहना है कि ये नक्काशीदार पत्थर राजा नेक्टानेबो के शासन 13वें और 14वें साल के हैं। खोज दल को लंगूर की एक मूर्ति भी मिली अहराम ऑनलाइन के मुताबिक यह समय करीब 367-366 BC के आसपास का है। इसकी खोज करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि कई पत्थर ऐसे मिले हैं जो पूरी तरह से गढ़े नहीं गए हैं। यही नहीं राजा की मौत के बाद उन पर कोई अतिरिक्त काम भी नहीं किया गया। इस दल को एक लंगूर की मूर्ति भी मिली है। इसके अलावा भगवान शू और देवी तेफनूट की मजार भी मिली है। इसे राजा पसामतिक द्वितीय ने बनवाया था। राजा पसामतिक द्वितीय ने 595 से 589 BC के बीच शासन किया था। राजा नेक्टानेबो प्रथम ने अपने शासनकाल का ज्यादातर समय अचाइमेनिड साम्राज्य के साथ जंग में बिता दिया था। अचाइमेनिड साम्राज्य के शासक फारस के रहने वाले थे और मिस्र पर कब्जा करना चाहते थे। राजा नेक्टानेबो प्रथम ने अपने राज्य में कई मंदिर और निर्माण प्रॉजेक्ट को पूरा कराया। इसमें आइसिस का मंदिर भी शामिल है जो अस्वान के पास है।
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