काबुल तालिबान सरकार में विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इस वक्त पाकिस्तान में हैं। शुक्रवार को उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। मुत्तकी के साथ तालिबान के वित्त मंत्री और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य शामिल रहे। सबसे अहम बात यह कि इस बैठक के बाद इमरान खान ने अफगानिस्तान को मिलने वाले भारतीय गेहूं के लिए पाकिस्तान का रास्ता खोल दिया है, जिसके लिए पहले वह इनकार कर रहे थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इस बैठक में अफगानिस्तान को मिलने वाली पाकिस्तानी मदद से लेकर अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता पर बातचीत हुई। बैठक के बाद पाकिस्तान के पीएमओ ने बयान जारी करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि मानवीय उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान के माध्यम से भारत की ओर से प्रस्तावित गेहूं के परिवहन के लिए अफगान भाइयों के अनुरोध पर पाकिस्तान विचार करेगा। तालिबान को वीजा सुविधा देगा पाकिस्तानभारत ने मानवीय सहायता के रूप में 50,000 टन गेहूं की घोषणा की थी और पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि वह काबुल में अनाज पहुंचाने के लिए देश के सड़क मार्ग का उपयोग करने की अनुमति दे। हालांकि पाकिस्तान ने इस अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया था। बैठक के बाद तालिबान ने बयान जारी करते हुए बताया कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने वादा किया है कि पाकिस्तान की ओर से अफगान ट्रांजिट में काफी सुविधा होगी। भारतीय सहायता प्राप्त गेहूं को वाघा बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान पहुंचने की अनुमति दी गई और साथ ही वीजा सेवाओं की सुविधा दी गई। खुद गेहूं की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान कर रहा 'गंदी' राजनीतितालिबानी मंत्रियों के साथ बैठक के बाद इमरान खान के सुर बदल गए हैं। पाकिस्तान खुद गेहूं की भारी कमी का सामना कर रहा है, जिससे उसे अनाज आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के मामले में पाकिस्तान गंदी राजनीति कर रहा है। किसी भी मामले में वह नहीं चाहता कि भारतीय सहायता उसके अपने छोटे से प्रयासों को मात दे, क्योंकि इससे भारत पाकिस्तान से बेहतर रोशनी में दिखाई देगा।
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