Friday 12 November 2021

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दुबई भारतीय वायुसेना संयुक्त अरब अमीरात के आसमान में अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार है। वायुसेना की सारंग और सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम यूएई सरकार के आमंत्रण पर दुबई पहुंची हैं। दोनों टीमें 14 से 18 नवंबर तक होने वाले एयर शो में हिस्सा लेंगी। एयर शो अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर होगा। इस एयर शो में शामिल होने के लिए भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस फाइटर जेट भी दुबई पहुंच चुके हैं। वायुसेना ने एलएसी (लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट) तेजस की तस्वीरें ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। वायुसेना ने लिखा, 'आत्मनिर्भर एवं सक्षम... भारत में निर्मित भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 14 से 18 नवंबर होने वाले एयर शो में हिस्सा लेने के लिए दुबई पहुंच चुके हैं।' वायुसेना ने बताया, 'तेजस अपनी बेहतर उड़ान क्षमता, गतिशीलता और ईजी हैंडलिंग को प्रदर्शित करेगा।' एयर शो में आईएएफ की दोनों टीमें सऊदी हॉक्स, रशियन नाइट्स और यूएई के अल फुरसान जैसी एरोबेटिक्स टीमों के साथ प्रदर्शन करेंगी। दुबई पहुंची भारतीय वायुसेना की टुकड़ीबुधवार को वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट्स पर सवाल होकर सारंग टीम के पांच एएलएच ध्रुव (हेलीकॉप्टर) और सूर्यकिरण टीम के 10 बीएई हॉक-132 और तीन एलसीए तेजस दुबई पहुंचे। यूएई सशस्त्र बलों के मेजर जनरल स्टाफ पायलट इशाक सालेह मोहम्मद अल-बलूशी और अन्य अधिकारियों ने भारतीय वायुसेना का स्वागत किया। पहली बार दुबई के आसमान में उड़ेगा तेजस दुबई का एयर शो सूर्यकिरण टीम और तेजस के लिए यूएई में अपना हवाई युद्धाभ्यास दिखाने का पहला अवसर होगा। जबकि सारंग टीम ने 2005 में यूएई में अल ऐन ग्रांड प्रिक्स में हिस्सा लिया था। यह तेजस विमान की देश के बाहर चौथी उड़ान होगी। इससे पहले यह 2021 में श्रीलंका के एयर शो, 2016 में बहरीन इंटरनेशनल एयर शो और मलेशिया में लैंगकॉवी इंटरनेशनल मैरीटाइम एयरो एक्सपो (LIMA-2019) में हिस्सा ले चुका है। भारतीय वायुसेना की बड़ी ताकत का नाम 'तेजस'एचएएल तेजस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर के सहयोग से एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी की ओर विकसित सिंगल इंजन मल्टीरोल लाइट फाइटर जेट है। इस साल की शुरुआत में एचएएल ने भारतीय वायु सेना को 73 नए तेजस मार्क 1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट जेट और 10 तेजस मार्क 1 दो-सीट प्रशिक्षण जेट बनाने के लिए 6.58 बिलियन डॉलर की डील साइन की थी। IAF के लिए तेजस लड़ाकू विमान बेहद अहम हैं। चीन और पाकिस्‍तान की दोहरी चुनौती का सामना करने तेजस बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। तेजस के मुकाबले में पाकिस्‍तान अपने JF-17 का दम भरता है। जहां तेजस पूरी तरह स्‍वदेशी जेट हैं वहीं JF-17 को पाकिस्‍तान ने चीन के साथ मिलकर बनाया है। तेजस न सिर्फ तेज और हल्‍का है, बल्कि इसमें JF-17 के मुकाबले ताकतवर इंजन भी लगा है। इसकी पेलोड क्षमता भी JF-17 से ज्‍यादा है। तेजस को नेवी की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाई किया जा चुका है जबकि JF-17 के पास ऐसी क्षमता नहीं है। नया तेजस पाकिस्तान-चीन को चटा सकता है धूलराफेल लड़ाकू विमानों के आने के बाद से, भारतीय एयरफोर्स साफ तौर पर पाकिस्‍तान एयरफोर्स से बेहतर स्थिति में है। तेजस लड़ाकू विमानों की नई खेप के शामिल होने के बाद IAF और PAF के बीच का अंतर और बढ़ जाएगा। तेजस मार्क1ए में अपने पिछले वर्जन के मुकाबले 43 इम्‍पूव्रमेंट्स हैं। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, यह पाकिस्‍तान की पूरी फाइटर फ्लीट को धूल चटा सकता है। यही नहीं, तेजस MK1A चीन के अधिकतर लड़ाकू विमानों का भी सामना कर सकता है। तेजस की तुलना अक्‍सर चीन के जियाओलांग जेट से की जाती रही है। हालांकि तेजस कहीं ज्‍यादा ऐडवांस्‍ड है जबकि जियाओलांग थर्ड जेनरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है।


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