Wednesday 22 December 2021

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मॉस्को रूस ने यूक्रेन सीमा पर अपने नए ओरियन () मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) का सफल परीक्षण किया है। यह यूएवी देखने में अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन जैसा है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि इसकी ताकत कहीं ज्यादा है। रूस के ओरियन यूएवी ने टेस्ट के दौरान क्रीमिया में एक रोटरी विंग ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। जिसके बाद विशेषज्ञों ने ओरियन को ड्रोन किलर मशीन करार दिया है। अपने टेस्ट के दौरान ओरियन यूएवी ने दुश्मन के ड्रोन को मार गिराने के लिए एक गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यह टेस्ट साबित करता है कि उनका अब युद्ध के मैदान में दुश्मनों के ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। ओरियन यूएवी की खासियत तो जानिए रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओरियन ड्रोन की टॉप स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इस ड्रोन को रूस के क्रोनस्टेड समूह ने विकसित किया है। इसकी पहली उड़ान 2016 में आयोजित की गई थी और 2020 में इसे रूसी सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। रूस ने अबतक इसके 30 यूनिट का निर्माण किया है। इसका अधिकतम टेकऑफ वजन 1000 किलोग्राम और पेलोड 200 किलोग्राम का है। ओरियन ड्रोन की रेंज 250 किलोमीटर है, जबकि इसे 8,000 मीटर की अधिकतमक ऊंचाई तक ऑपरेट किया जा सकता है। यह ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद हवा में 24 घंटे तक उड़ सकता है। रूस ने सीरिया में इस ड्रोन का खूब इस्तेमाल किया था। तब इसने जमीन पर कई लक्ष्यों को निशाना भी बनाया था। हालांकि, हवा से हवा में मार करने वाली इसकी ताकत बिलकुल नई है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने जारी किया टेस्ट का वीडियो रूसी रक्षा मंत्रालय ने हाल में ही इस ड्रोन के टेस्ट का वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो को पहली बार रूस के सरकारी टीवी चैनल रशिया-1 ने एक डॉक्यूमेंटरी में चलाया था। ओरियन ड्रोन के प्रॉजेक्ट को रूसी भाषा में इनोखोडेट्स के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसका मतलब पेसर (Pacer) होता है। परीक्षण के दौरान ओरियन ने रोटरी विंग यानी पंखों वाले एक ड्रोन को नष्ट करने के लिए 9M113 कोर्नेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) के एक नए एयर-लॉन्च वर्जन को फायर किया। रिपोर्ट में बताया गया कि ओरियन ने लगभग 96 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के ड्रोन को पहचान लिया था। जब दुश्मन का ड्रोन चार किलोमीटर की दूरी पर पहुंचा, तब ओरियन ने मिसाइल फायर कर उसे मार गिराया। ओरियन से लॉन्च की गई कोर्नेट मिसाइल के बारे में जानें 9M113 कोर्नेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) लेजर बीम-राइडिंग गाइडेंस का इस्तेमाल करती है। ऐसे में इसे अपने लक्ष्य तक जाने के लिए मैनुअली गाइडेंस की जरूरत होती है। इस मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन में कथित तौर पर इन्फ्रारेड और टीवी-गाइडेड मोड भी हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इनका इस्तेमाल मिसाइल को गाइडेंस देने के लिए किया जाता है या बस ऑपरेटर को लक्ष्य का पता लगाने और उसे ट्रैक करने में मदद करने के लिए किया जाता है। रूस के सरकारी मीडिया आउटलेट आरआईए नोवोस्ती की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 9M113 कोर्नेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल सिर्फ ओरियन ही नहीं, बल्कि फोरपोस्ट और अल्टियस यूएवी भी करती हैं। ऐसे में रूस के पास कम से कम तीन ऐसे ड्रोन हैं, जो दूसरे ड्रोन को मार गिराने वाली मिसाइलों से लैस हैं। ओरियन में नीचे लगा रडार लक्ष्यों की देता है जानकारी रूस के ओरियन यूएवी में पीछे नीचे की तरफ एक रडार लगा हुआ है। इसमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल, लेजर टारगेट फाइंडर और इंफ्रारेड कैमरा लगा हुआ है। इसकी मदद से ओरियन ड्रोन जमीन पर मौजूद लक्ष्यों पर गाइडेड मिसाइल से हमला कर सकता है। फुटेज से पता चलता है कि ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन में ड्रोन को ऑपरेट कर रहा पायलट शुरू में लक्ष्य की पहचान करने के लिए ड्रोन पर इन सेंसर का इस्तेमाल करता है और फिर मिसाइल लॉन्च करने का आदेश देता है। 10 किलोमीटर तक हमला कर सकती है मिसाइल आरआईए नोवोस्ती की रिपोर्ट में एयर लॉन्च कोर्नेट मिसाइल के बारे में अधिक जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में एक सैन्य सूत्र के हवाले से बताया गया है कि मिसाइल केएच-बीपीएलए का केए- 52एम अटैक हेलीकॉप्टर से दर्जनों बार सफल टेस्ट किया जा चुका है। सूत्र ने इस मिसाइल की रेंज 10 किलोमीटर के आसपास होने का दावा किया था। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल कम ऊंचाई पर कम स्पीड से उड़ रहे हवाई लक्ष्यों के अलावा जमीन पर मौजूद बख्तरबंद गाड़ियों को भी बर्बाद करने में सक्षम है। इस मिसाइल का नाम बाद में बदलकर कोर्नेट कर दिया गया। रूसी सेना भी करती है इस्तेमाल इसके पुराने वर्जन 9M133FM-3 को यूएवी, हेलिकॉप्टरों और कम ऊंचाई पर उड़ रहे हवाई लक्ष्यों के लिए बनाया गया था। हालांकि, तब इसे जमीनी सेना और गाड़ियों पर लगे लॉन्चर से ही फायर किया जा सकता था। अब इसके एयर लॉन्च वर्जन को विकसित किया गया है और उसी को ही ओरियन यूएवी पर तैनात कर ड्रोन को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किया गया।


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