Israel Embassy IED Blast: इजरायल के नई दिल्ली में स्थित दूतावास के बाहर हुए आईईडी ब्लास्ट को लेकर तहलका मचा हुआ है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने इसे आतंकी वारदात करार दिया है। रिपोर्ट ऐसी भी है कि इस घटना के बाद से भारतीय और इजरायली खुफिया एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं।
इजरायल के नई दिल्ली में स्थित दूतावास के बाहर हुए आईईडी ब्लास्ट को लेकर तहलका मचा हुआ है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने इसे आतंकी वारदात करार दिया है। रिपोर्ट ऐसी भी है कि इस घटना के बाद से भारतीय और इजरायली खुफिया एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं। इजरायल ने भी पुष्टि की है कि उसके अधिकारी भारत के साथ लगातार संपर्क में है। भारत और इजरायल के 29वीं राजनयिक वर्षगांठ के अवसर पर हुए हमले के दोषियों को इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद बख्शने वाली नहीं है। जानिए मोसाद के 5 सबसे चर्चित मिशन जिसमें इस इजरायली खुफिया एजेंसी ने दुश्मनों को उनके देश में घुसकर मारा....
ऑपरेशन थंडरबोल्ट ने दुनिया में दिखाया मोसाद का दम
27 जून 1976 को जब इजरायली यात्रियों से भरी फ्रांस के एक यात्री विमान को अरब के आतंकियों ने अपहरण कर लिया। तब मोसाद ने अपनी ताकत और बुद्धिमानी के दम पर हजारों किलोमीटर दूर स्थित देश से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित वापस निकाल लिया। युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे पर मोसाद के ऑपरेशन को आज भी पूरी दुनिया में सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन माना जाता है। इस ऑपरेशन में वर्तमान में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई जोनाथन नेतन्याहू भी शामिल हुए थे। हालांकि, उनकी ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी।
जब मोसाद ने रूसी मिग-21 लड़ाकू विमान को चुराया
60 के दशक में अगर कोई लड़ाकू विमान सबसे अडवांस्ड और फास्ट था तो वह मिग-21 विमान था। अगर यह कहें कि अमेरिका भी इससे डरता था तो शायद कुछ गलत नहीं होगा। इस विमान को पाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए फी असफल हो गई थी, जिसके बाद इसकी जिम्मेदारी मोसाद को दी गई। पहली कोशिश में पकड़े जाने के बाद दिसंबर 1962 में मोसाद के एक एजेंट को मिस्र में फांसी दे दी गई। मोसाद ने दूसरी कोशिश इराक में की, लेकिन यह प्रयास भी असफल रहा। 1964 में मोसाद की महिला एजेंट ने एक इराकी पायलट को इस विमान के साथ इजरायल लाने के लिए मना लिया था।
म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के हत्यारों को ढूंढ-ढूंढकर मारा
मोसाद ने 1972 में हुए म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों के हत्यारों को कई देशों में ढूंढ-ढूंढकर मौत के घाट उतार दिया। इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का आरोप ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था। मोसाद की लिस्ट में 11 आतंकी थे, जो म्यूनिख में इजरायली खिलाड़ियों की हत्या के बाद अलग-अलग देशों में जाकर छिप गए थे। लेकिन, मोसाद ने 10 साल के ऑपरेशन में सभी आतंकियों को खोजकर मार दिया। कहा जाता है कि मोसाद ने सभी 11 आतंकियों को 11-11 गोलियां मारी थी।
अर्जेंटीना में दिया सबसे घातक मिशन को अंजाम
मोसाद ने अर्जेंटीना में 11 मई 1960 को एक ऐसे मिशन को अंजाम दिया जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। यह मिशन इतना सीक्रेट था कि अर्जेंटीना की सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी। मोसाद नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का अपहरण कर इजरायल लेकर आई। जिसके बाद उसे यहूदियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए मुकदमा चलाकर सजा दी गई। इस मिशन को इजरायल के पांच एजेंटों ने अंजाम दिया था जिसने नाम बदलकर अर्जेंटीना में छिपे एडोल्फ एकमैन को ढूंढ निकाला। एकमैन को पकड़ने के बाद एक सीक्रेट लोकेशन पर ले जाकर उसकी पहचान सुनिश्चित की गई। उसके बाद टीम उसे गुपचुप तरीके से इजरायल लेकर आ गई।
यासिर अराफात के करीबी को परिवार के सामने मारी 70 गोलियां
मोसाद ने फिलीस्तीन के प्रसिद्ध नेता रहे यासिर अराफात का दाहिना हाथ कहे जाने वाले खलील अल वजीर को ट्यूनिशिया में उसके परिवारवालों के सामने गोलियों से छलनी कर दिया। खलील को अबू जिहाद के नाम से भी जाना जाता था। यह फिलीस्तीन के आतंकी संगठनों का मुखिया माना जाता था जिसके इशारे पर इजरायल में कई हमले भी हुए थे। इस मिशन को मोसाद के 30 एजेंट्स ने अंजाम दिया। ये एजेंट एक-एक कर टूरिस्ट बनकर ट्यूनिशिया पहुंचे। जहां उन्होंने अबू जिहाद के घर का पता लगाकर उसके परिवार के सामने 70 गोलिया मारी। उस वक्त ट्यूनिशिया के आसमान में उड़ रहे इजरायली प्लेन ने सभी कम्यूनिकेशन सिस्टम्स को ब्लॉक कर दिया था।
यूं ही नहीं दुनिया की सबसे तेज खुफिया एजेंसी है मोसाद
मोसाद को दुनिया की एक सबसे तेज खुफिया एजेंसी माना जाता है। ऐसी खुफिया एजेंसी जो अपना निशाना नहीं चूकती है। मोसाद ने कई ऐसे मिशन को अंजाम दिया है जिसको सोचकर इंसान सिहर जाए। मोसाद का सफलता का ट्रैक रेकॉर्ड काफी प्रेरक रहा है। यही कारण है कि अमेरिका और भारत समेत दुनिया की कई खुफिया एजेंसिया मोसाद के साथ मिलकर ट्रेनिंग और कई सीक्रेट मिशन्स को अंजाम देती हैं। भारत तो अपनी खुफिया एजेंसी में काम करने वाले अधिकारियों की ट्रेनिंग तक इजरायली खुफिया एजेंसी के साथ करवाता है।
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