इस्लामाबाद गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है। बची खुची पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की कमर कोरोना वायरस ने तोड़कर रख दी है। कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान को (ADB) अगले पांच साल में 73 हजार करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) का कर्ज देगा। एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय फिलिपींस की राजधानी मनीला में स्थित है, जो अपने महाद्वीप के देशों को कर्ज मुहैया कराता है। अगले पांच साल में पाकिस्तान को दी जाएगी यह राशि एडीबी ने अपने बयान में कहा है कि यह कर्ज पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता को बहाल करने में मदद करेगा। इस राशि से पाकिस्तान में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा करने के अलावा लोगों की भलाई के लिए ऋण योजनाओं को चलाया जाएगा। पाकिस्तान को लोन की यह राशि साल 2021 से 2025 के बीच दी जाएगी। इसमें से 6.3 बिलियन डॉलर की राशि को अगले तीन साल में पाकिस्तान को देने की योजना है। महंगे ब्याज पर कर्ज ले रहा पाकिस्तान पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के जुलाई-दिसंबर के दौरान इमरान खान सरकार को कई वित्तपोषण स्रोतों से बाहरी कर्जों के रूप में 5.7 बिलियन डॉलर की राशि मिली है। दिसंबर में पाकिस्तान सरकार ने विदेशों से 1.2 बिलियन डॉलर प्राप्त किए, जिसमें वाणिज्यिक बैंकों से महंगे ब्याज पर ली गई 434 मिलियन डॉलर की राशि भी शामिल है। 11.5 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा पाकिस्तान का कर्ज इमरान खान सरकार की लचर आर्थिक सुधारों के चलते साल 2020 के अंत तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 11.5 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर 35.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है। जिसके बाद खुद की गलतियों के पिछली सरकारों पर डालते हुए पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछली सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश को अत्याधिक विनिमय दर और अत्यधिक उधारी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान को कर्ज मिलने में हो रही हैं मुश्किलें जी-20 देशों से कर्ज राहत के तहत, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रारूप के मुताबिक पूर्व की मंजूरी के अलावा, ऊंची दरों पर वाणिज्यिक कर्ज नहीं ले सकता। इस कारण चीन ही नहीं, पाकिस्तान के कई पसंदीदा देश भी निवेश करने या कर्ज देने से घबरा रहे हैं। हालात तो यहां तक आ गई है कि चीन भी कर्ज के बदले अतिरिक्त गारंटी मांग रहा है। इमरान पर सऊदी और यूएई का कर्ज चुकाने का दबाव वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ढाई साल सरकार चलाने के बाद भी देश के खस्ता आर्थिक हालात के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार बता रहे हैं। पाकिस्तान में हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए भी इमरान खान सरकार को जोड़ तोड़ करना पड़ रहा है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा 'दाता' सऊदी अरब और यूएई अपने कई बिलियन डॉलर के कर्ज को वापस मांग रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन भी अब पाकिस्तान को कर्ज देने में आनाकानी कर रहा है।
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