अंटार्कटिका में रिसर्चर्स ने शीतयुद्ध के वक्त का एक फुटेज खोजा है। इसकी मदद से इस इलाके के भविष्य को लेकर कई अहम सवालों के जवाब मिल सकते हैं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान माना जा रहा था कि कहीं अंटार्कटिका भी जंग का मैदान न बन जाए, लेकिन एक समझौते के जरिए इसे सिर्फ साइंटिफिक रिसर्च के लिए खोला गया है। यूट्यूब चैनल 'सीकर' ने 'फोकल पॉइंट' नाम की डॉक्युमेंटरी में दावा किया है कि उनके हाथ रिसर्च के शुरुआती दौर से जुड़ा ब्रिटिश ग्लेशियॉलजिस्ट अनदेखा फुटेज लगा है। डॉक्युमेंटरी में बताया गया है कि डेविड ड्रियुरी ने अंटार्कटिका में कई रिसर्च की थीं। इस दौरान वह अपने अनुभव को कैमरे में कैद करते थे। इसे बाद में डिजिटाइज किया गया। रेडार स्कैन को तस्वीरों से ओवरलैप किया गया। दशकों पुरानी ये तस्वीरें आज के समय से तुलना करने पर बताती हैं कि यहां बर्फ में क्या बदलाव हुआ है। ये फिल्म मिलने से इतिहास के बारे में हमारी जानकारी कई दशकों से बढ़ गई है। इस डेटा की मदद से अंटार्कटिका के भविष्य के बारे में आकलन किया जा सकेगा। पहले से ज्यादा डेटा अंटार्कटिका को दुनिया की राजनीति से अलग रखने के लिए परमाणु हथियारों के विस्तार से बाहर रखा गया है। यहां सिर्फ वैज्ञानिक रिसर्च की इजाजत दी गई। अब यहां हजारों वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं। नई टेक्नॉलजी के साथ डेटा दर्ज करना आसान हो जाता है। पुराने रेकॉर्ड के डिजिटाइज होने से ज्यादा जानकारी मिल सकती है।
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