वॉशिंगटन चीन के वुहान शहर से करीब एक साल पहले शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी के विश्वभर में कुल मामलों की संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक इस महामारी से दुनियाभर में कुल 21 लाख लोग मारे गए हैं। अब तक 5 करोड़ 50 लाख लोग कोविड-19 के किलर वायरस को मात देकर इससे उबर चुके हैं। पिछले 12 महीनों में दुनिया काफी बदल चुकी है। कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकारों को लॉकडाउन, कर्फ्यू और यात्रा बैन लगाना पड़ा है। लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। इस महामारी से दुनिया की अर्थव्यवस्था तबाही के दौर में पहुंच गई है। कई प्रभावी इलाज और वैक्सीन के आने के बाद भी अभी कोरोना के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं जिससे ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में हालात बेकाबू जैसे हो गए हैं। अमेरिका पहले और भारत दूसरे स्थान पर कोरोना के नए स्ट्रेन के आने से इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि यह महामारी कब खत्म होगी। कोरोना के सबसे ज्यादा मामलों की बात करें तो अमेरिका पहले स्थान पर और भारत दूसरे स्थान पर है। वहीं मौतों के मामलों में भारत अमेरिका और ब्राजील से पीछे है। ब्रिटेन में हालात भयावह हो चुके हैं जहां एक लाख लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने देशवासियों से माफी मांगी है। यही नहीं इस बीमारी के केंद्र रहे चीन में एक बार फिर से कोरोना जोर पकड़ रहा है। ताजा रिपोर्टों के हवाले से अनुमान लगाया कि महामारी से दुनिया में खरबों अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचा है। अगर वैक्सीन का निष्पक्ष और उचित वितरण सुनिश्चित नहीं किया गया, तो दुनिया नैतिक और आर्थिक आपदा का सामना करेगी। बताया जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में विश्व श्रम बाजार पर महामारी के प्रभाव का विश्लेषण करने के बाद कहा कि वर्ष 2020 में दुनिया में कामकाज के घंटों में 8.8 प्रतिशत कटौती आई, जिससे श्रम आय 37 खरब डॉलर कम हुई। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि अधिकांश देश वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में बहाल होंगे, लेकिन यह वैक्सीन लगाने की स्थिति पर निर्भर होगा।
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