Lord Mountbatten Edwina India Treasure: सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना के भारतीय खजाने को नीलाम किया जा रहा है। इस खजाने में हीरा, मोती, भारतीय वैभव सबकुछ नजर आ रहा है।
भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना का करोड़ों रुपये का खजाना नीलाम होने जा रहा है। इस खजाने में जूलरी से सजा जयपुर का हाथी, सोने की घड़ी, हीरे का बना ब्रौच और 1950 के दशक का बना महारानी विक्टोरिया का रोबोट खिलौना शामिल हैं। लॉर्ड माउंटबेटन को भारत और बर्मा (आधुनिक म्यांमार) से मिले 400 बेशकीमती सामान, गहने और पेंटिंग्स नीलाम किए जा रहे हैं जिनकी कुल कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। माउंटबेटन के खजाने में शामिल ये आभूषण इतने खूबसूरत हैं कि आंखे चौंधिया जाती हैं। आइए जानते हैं माउंटबेटन के इस अद्भुत भारतीय खजाने के बारे में सबकुछ......
मार्च में होगी नीलामी, सोने से बना है एडविना का सुअर जैसा हैंडबैग
लॉर्ड माउंटबेटन के इस खजाने की इस साल मार्च में लंदन में नीलामी होने जा रही है। ये सभी आभूषण पैट्रिसिया माउंटबेटन के कब्जे में हैं जो माउंटबेटन की सबसे बड़ी बेटी हैं। पैट्रिसिया माउंटबेटन ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया की पड़पोती लगती हैं। Sotheby कंपनी इन सामानों की नीलामी कराने जा रही है जिनकी कीमत 80 पाउंट से लेकर एक लाख पाउंड तक हो सकता है। वर्ष 1979 में हुए आईआरए के विस्फोट में माउंटबेटन की मौत हो गई थी। इस हमले में पैट्रिसिया और उनका भाई निकोलस बच गए थे। पैट्रिसिया की भी 93 साल की अवस्था में वर्ष 2017 में मौत हो गई थी। उनके अंतिम संस्कार में महारानी और राजकुमार फिलीप तथा राजकुमार चार्ल्स समेत ब्रिटेन के शाही परिवार के कई सदस्य शामिल हुए थे। इस तस्वीर में एडविना का सूअर के आकार का पर्स है जो सोने से बना हुआ है। इसकी कीमत करीब तीन हजार पाउंड लगाई गई है।
जयपुर का 'सोने का हाथी' बना रहा सबको दीवाना
इस खजाने की नीलामी करने वालों ने दावा किया है कि खरीदने वालों को 20वीं सदी के चकाचौंध करने वाली जीवनशैली को देखने तथा उसे हासिल करने का मौका होगा। इन सामानों को पैट्रिसिया के 18वीं सदी के घर न्यूहाउस से लाया जा रहा है जहां पर वह अपने पति के साथ रहती थीं। पैट्रिसिया के असाधारण जीवन और विरासत की वजह से वह ब्रिटेन के कुलीन वर्ग की फेवरिट थीं। जिन सामानों को नीलाम किया जा रहा है, उनमें फर्नीचर, पेंटिग्स भी शामिल हैं। इस तस्वीर में दो हाथी नजर आ रहे हैं जो भारत के जयपुर शहर से लाए गए हैं। इस हाथी को सोने से रंगा गया है और उसपर मीनाकारी की गई है। यह हाथी भारतीय वैभव और कला को बहुत शानदार तरीके से दर्शा रहा है। इसकी कीमत दो हजार पाउंड से तीन हजार पाउंड के बीच आंकी गई है। इस हाथी को माउंटबेटन ने अपनी पत्नी एडविना को शादी की 24वीं वर्षगांठ पर वर्ष 1946 में दिया था। दोनों की दिल्ली में वर्ष 1922 में शादी हुई थी।
महारानी विक्टोरिया का भारतीय ब्रेसलेट, रोबोट होगा नीलाम
नीलामी में ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया का भारत में बना डायमंड सेट और सोने का बना ब्रेसलेट भी नीलाम होने जा रहा है। इस शानदार ब्रेसलेट में महारानी विक्टोरिया के पति अल्बर्ट का बचपन का चित्र भी बना हुआ है। यह ब्रेसलेट बाद में महारानी ने लॉर्ड माउंटबेटन को दे दिया और फिर उनसे होकर यह उनकी बेटी पैट्रिसिया के पास चला आया। अल्बर्ट की 42 साल की अवस्था में 1861 में मौत हो गई थी। माना जा रहा है कि यह ब्रेसलेट 4 हजार से लेकर 6 पाउंड में नीलाम हो सकता है। इसके साथ ही एक महारानी विक्टोरिया का एक रोबोट खिलौन भी नीलाम हो रहा है। इस रोबोट की कीमत 4 से 6 हजार पाउंड आंकी गई है। पैट्रिसिया का भारत से कनेक्शन न केवल पिता माउंटबेटन की वजह से था, बल्कि उनके पति जॉन का भी भारत से गहरा नाता था। जॉन के पिता माइकल क्नाटचबुल वर्ष 1938 में भारत के सबसे युवा वायसराय बने थे। जॉन ने भी भारत में माउंटबेटन के अधीन काम किया था। बाद में वह ऑस्कर के लिए नामांकित फिल्म प्रड्यूसर बन गए थे। उन्होंने 'ए पैसेज टू इंडिया' बनाया था।
देखें, अंग्रेजों के जमाने का मोती से बना इंपीरियल ऑर्डर
पैट्रिसिया के इस खजाने का एक अनमोल रत्न ब्रिटिशकालीन इंपीरियल ऑर्डर ऑफ द क्राउन ऑफ इंडिया है। इसकी कीमत करीब 15 हजार से 20 हजार पाउंड है। इस इंपीरियल ऑर्डर को पैट्रिसिया की सास डोरिन ने उन्हें दिया था जो भारत के वायसराय रह चुके माइकल क्नाटचबुल की पत्नी थीं। इसमें हीरा और मोती जड़ा हुआ है और डोरिन इसे खास मौकों पर ही पहना करती थीं। नीलामी में पैट्रिसिया को उनके पति की ओर से दी दिया गया इंकपॉट शामिल है। वर्ष 1896 से 1903 के बीच बनी सोने की घड़ी भी नीलाम हो रही है जिससे 15 हजार से लेकर 25 पाउंड मिल सकता है। पैट्रिसिया और उनके पति के कुल 8 बच्चे हैं। दोनों की शादी के बाद भारत से जुड़ी उनकी विरासत भी साथ जुड़ गई। नीलामी में कई भारत में बने दुर्लभ फर्नीचर भी बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत 40 हजार पाउंड से लेकर 60 हजार पाउंड के बीच हो सकती है।
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