
लंदन ब्रिटेन के पुलिस बल स्काटलैंड यार्ड ने सोमवार को के बतौर महिला सिख अधिकारी इस सेवा में शामिल होने की 50वीं सालगिरह मनाई। संधू स्कॉटलैंड यार्ड में सेवा देने वालीं पहली दक्षिण एशियाई महिला भी थीं। संधू के बाद ही अन्य महिलाओं के स्काटलैंड यार्ड में शामिल होने का रास्ता खुला था। पुलिस कॉन्स्टेबल संधू ने 1971-73 के दौरान लंदन में मेट्रोपॉलिटन पुलिस में अपनी सेवाएं दी थीं। संधू पूरे ब्रिटेन में पुलिस बल की ‘सच्ची दूत’ माना जाता है। सहायक आयुक्त हेलेन बॉल ने कहा, ‘पी सी करपाल कौर संधू सच्ची अग्रदूत थीं। मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि 1971 में मेट्रोपोलिटन पुलिस से जुड़ने का उनका निर्णय साहसिक था और उन्होंने उस रास्ते पर काफी चुनौतियां भी झेलीं।’ करपाल ने अन्य महिलाओं के लिए रास्ता खोला जो 1971 के बाद से इस सेवा का हिस्सा बनने लगीं। नैशनल सिख पुलिस एसोसिएशन यूके ने मेट्रो पुलिस सिख असोसिएशन के साथ मिलकर सोमवार को संधू की याद में विशेष डिजिटल कार्यक्रम का आयोजन किया। 30 साल की उम्र में पति के हाथों हुई थी हत्या संधू 1943 में पूर्वी अफ्रीका के जंजीबार में एक सिख परिवार में पैदा हुई थीं और वह 1962 में ब्रिटेन आ गईं, जहां उन्हें चे फार्म अस्पताल में नर्स की नौकरी मिली। वह 1971 में 27 साल की उम्र में मेट्रोपोलिटन पुलिस में शामिल हुईं। हालांकि 1973 में 30 वर्षीय संधू की झगड़े के बाद पति ने हत्या कर दी थी। वह कथित रूप से संधू के करियर चुनाव के खिलाफ था। उनके पति को 1974 में उम्रकैद की सजा हुई थी।
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