
वॉशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल नागरिकों की हत्या पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बाइडन ने रविवार को कहा, 'यह भयावह है। यह पूरी तरह क्रूरता है। और मुझे जो खबर मिली है उसके मुताबिक काफी संख्या में लोगों को बेवजह मारा गया है।' म्यांमार में शनिवार का दिन सबसे खूनी हिंसा का रहा था और म्यांमार की सेना ने सड़कों पर खून की होली खेलकर कम से कम 114 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। बाइडेन म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निर्दोष लोगों के खिलाफ सैनिकों द्वारा बल प्रयोग किये जाने और इस दौरान हाल में लोगों की हत्या के संदर्भ में बोल रहे थे। सदन की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख सांसद ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि म्यांमार के राष्ट्रीय सशस्त्र बल दिवस पर शनिवार को 100 से ज्यादा लोगों की जान गई और यांगून में अमेरिकी केंद्र पर गोलियां दागी गईं। इस घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, 'बर्मी सेना ने देश के राष्ट्रीय सशस्त्र बल दिवस पर बेतुका और बर्बर रुख अपनाया और सैकड़ों लोगों की जान ले ली। यह जुंटा द्वारा अवैध सैन्य तख्ता पलट के बाद सबसे रक्तरंजित दिन था।' म्यांमार में सेना ने पिछले महीने आन सान सू ची निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट कर दिया था और देश में सैन्य शासन की घोषणा की थी। सेना के इस कदम के खिलाफ म्यांमा में पाबंदियों के बावजूद बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। शनिवार को मारे गए लोगों में कथित रूप से एक 13 साल की बच्ची भी शामिल है जिसके घर में घुसकर सैनिकों ने उसे गोली मार दी। म्यांमार के सैनिकों ने मेइखतिला के आवासीय इलाके में गोलीबारी की। म्यांमार नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस हिंसा में करीब 20 नाबालिग बच्चे भी मारे गए हैं। देश में पिछले महीने हुए तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को दबाने के लिए सैनिक और पुलिसकर्मी लोगों को गोली मार दे रहे हैं।
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