
इस्लामाबाद जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर शांति बहाल हो, इसके लिए भारत और पाकिस्तान के ब्रिगेड कमांडरों ने रावलकोट-पुंछ क्रॉसिंग प्वाइंट पर अहम बैठक की है। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब पिछले महीने ही भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीजफायर को लेकर एक सहमति बनी थी। बताया जा रहा है कि ब्रिगेड कमांडरों की इस बैठक में डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत को लागू करने को लेकर बातचीत हुई। डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत में 24 और 25 फरवरी की रात से एलओसी और अन्य सेक्टरों में सीजफायर को सख्ती से लागू करने को लेकर सहमति बनी थी। भारत एवं पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बैठक में संघर्षविराम को लेकर फैसला किया गया, जो लागू हो गया है। दोनों देशों के डीजीएमओ ने हॉटलाइन संपर्क तंत्र को लेकर चर्चा की और नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में हालात की सौहार्दपूर्ण एवं खुले माहौल में समीक्षा की थी। आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति संयुक्त बयान में कहा गया था, ‘सीमाओं पर दोनों देशों के लिए लाभकारी एवं स्थायी शांति स्थापित करने के लिए डीजीएमओ ने उन अहम चिंताओं को दूर करने पर सहमति जताई, जिनसे शांति बाधित हो सकती है और हिंसा हो सकती है।' इसमें कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौतों, और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई।’ बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने दोहराया कि मौजूदा हॉटलाइन संपर्क और सीमा पर फ्लैग मीटिंग का इस्तेमाल किसी भी प्रकार भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को दूर करने के लिए किया जाएगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच में यह सैन्य संपर्क का यह तंत्र 1987 से मौजूद है। दोनों देशों के बीच वर्ष 2003 से ही संघर्ष विराम समझौता लागू है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच कई बार भीषण गोलाबारी हुई है।
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