इस्लामाबाद कितना है बदनसीब ज़फ़र दफ़्न के लिये दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में। उम्र के आखिरी पड़ाव पर दिख रहे को आज जफर का शेर शायद बेशाख्ता याद आ रहा होगा। जहां वतन की सियासत के लिए अपनों से और भारत से दगााबाजी की लेकिन अब उन्हें अपनी अंतिम सांसें पाकिस्तान से बाहर दुबई में लेनी पड़ रही हैं। मुशर्रफ की एक ताजा तस्वीर इन दिनों में सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमें यह तानाशाह काफी बीमार नजर आ रहा है। पाकिस्तान में मुशर्रफ के स्वस्थ होने की दुआ की जा रही है। आइए जानते हैं कि बीमारी की इस हालत में परवेज मुशर्रफ चाहकर भी अपने वतन क्यों नहीं लौट पा रहे हैं.... सेना प्रमुख रहते हुए परवेज मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ साजिश रची और कारगिल की घटना को अंजाम दिया। मुशर्रफ को उम्मीद थी कि कारगिल घुसपैठ के जरिए पाकिस्तान को रणनीतिक बढ़त हासिल होगी। हालांकि हुआ इसका उल्टा और पाकिस्तानी सेना को अपने सैकड़ों फौजियों को खोना पड़ा। मुशर्रफ ने सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी भारत के खिलाफ साजिश रचना और तेज कर दिया और भारत की छवि को खराब करने की कोशिश की। आगरा शिखर बैठक में भारत की पीठ में छुरा भोंकने का प्रयास किया। मुशर्रफ वीलचेयर पर बैठे हैं और काफी कमजोर लग रहे अब यही मुशर्रफ गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। उनकी वायरल तस्वीर में मुशर्रफ वीलचेयर पर बैठे हैं और काफी कमजोर लग रहे हैं। फोटो को शेयर करते हुए ऑल पार्टीज मुस्लिम लीग ने मुशर्रफ के जल्द बेहतर होने की दुआ की लेकिन ट्विटर पर पाकिस्तान के लोग उन पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुशर्रफ पाकिस्तान के हीरो नहीं हैं बल्कि उन्होंने अमेरिका के हाथों देश को बेच दिया और आज वह वही काट रहे हैं जो उन्होंने बोया है। APML ने मुशर्रफ की तस्वीर शेयर की थी और लिखा था- 'हम आप सब से अपील करते हैं कि मुशर्रफ की सेहत के लिए दुआ करें।' अब यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन मुशर्रफ सरकार में मंत्री रहे और अब देश के विज्ञान मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी मुशर्रफ की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा- 'आपके लिए अच्छी सेहत की कामना राष्ट्रपति जी। आपको मुस्कुराते देख अच्छा लगा। आपने अपनी पूरी जिंदगी पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी है। आपके लिए प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं।' चाहकर भी पाकिस्तान नहीं लौट पा रहे मुशर्रफ अपनी इस दयनीय हालत के बाद भी परवेज मुशर्रफ देश नहीं लौट पा रहे हैं। तानाशाह मुशर्रफ चाहते तो हैं कि वह पाकिस्तान लौटें लेकिन उन्हें मजबूरन अपनी आखिरी सांस देश के बाहर दुबई में बितानी पड़ रही है। मुशर्रफ ने साल 2001 से 2008 तक देश के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली। साल 1999 में तख्तापलट के बाद वह देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे। महाभियोग से बचने के लिए उन्होंने 2008 में इस्तीफा दे दिया था। 17 दिसंबर, 2019 को एक स्पेशल बेंच ने मुशर्रफ को राजद्रोह के केस में मौत की सजा सुनाई थी। PML-N सरकार ने साल 2007 में गैर-संवैधानिक इमर्जेंसी लगाने के फैसले पर मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का केस फाइल किया था। साल 2016 में वह इलाज के लिए दुबई गए और फिर पाकिस्तान नहीं लौटे। मुशर्रफ को डर सता रहा है कि अगर वह देश लौटे तो उन्हें अरेस्ट कर लिया जाएगा। इसी डर से वह दुबई से नहीं लौट रहे हैं।
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