Sunday, 28 March 2021

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एलन मस्क की कंपनी SpaceX दुनियाभर में अपने स्टारलिंक इंटरनेट नेटवर्क को फैलाने के लिए हर महीने बड़ी संख्या में रॉकेट लॉन्च कर रही है। इसके लिए कक्षा में सैटलाइट प्रक्षेपित की जा रही हैं और स्पेस इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि मस्क की कंपनी ऐसा करके स्पेस ऑब्जेक्ट्स के बीच टक्कर की आशंका को बढ़ा रही है। इससे अंतरिक्ष में और ज्यादा कचरा पैदा होगा। SpaceX के स्टारलिंक ने करीब 1300 सैटलाइट कक्षा में प्रक्षेपित किए हैं और 2027 तक 40 हजार से ज्यादा सैटलाइट्स भेजने का प्लान है।

इसके लिए कक्षा में सैटलाइट प्रक्षेपित की जा रही हैं और स्पेस इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि मस्क की कंपनी ऐसा करके स्पेस ऑब्जेक्ट्स के बीच टक्कर की आशंका को बढ़ा रही है। इससे अंतरिक्ष में और ज्यादा कचरा पैदा होगा।


अंतरिक्ष में Elon Musk की SpaceX Starlink सैटलाइट्स का दबदबा, टक्कर हुई तो स्पेस ट्रैफिक पर होगा संकट

एलन मस्क की कंपनी SpaceX दुनियाभर में अपने स्टारलिंक इंटरनेट नेटवर्क को फैलाने के लिए हर महीने बड़ी संख्या में रॉकेट लॉन्च कर रही है। इसके लिए कक्षा में सैटलाइट प्रक्षेपित की जा रही हैं और स्पेस इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि मस्क की कंपनी ऐसा करके स्पेस ऑब्जेक्ट्स के बीच टक्कर की आशंका को बढ़ा रही है। इससे अंतरिक्ष में और ज्यादा कचरा पैदा होगा। SpaceX के स्टारलिंक ने करीब 1300 सैटलाइट कक्षा में प्रक्षेपित किए हैं और 2027 तक 40 हजार से ज्यादा सैटलाइट्स भेजने का प्लान है।



अंतरिक्ष में दबदबा
अंतरिक्ष में दबदबा

स्टारलिंक ने पहले कहा है कि सैटलाइट आयन ड्राइव के जरिए किसी और स्पेस ऑब्जेक्ट से टक्कर से बच सकती हैं लेकिन अगर सैटलाइट्स का संपर्क या ऑपरेशन कक्षा में फेल हो जाता है जो वे स्पेस ट्रैफिक के लिए खतरा हो सकती हैं। LEO (धरती की निचली कक्षा) में स्टारलिंक सैटलाइट स्पेस ऑब्जेक्ट आबादी पर दबदबा बनाए हैं। हारवर्ड-स्मिथसनियन सेंटर फॉर ऐस्ट्रोफिजिक्स के ऐस्ट्रोनॉमर जोनाथन मैकडॉवल ने इंसाइडर को बताया है कि LEO में 300 दूसरी सैटलाइट हैं जबकि 1300 स्टारलिंक सैटलाइट।



1000 सैटलाइट्स खतरे में
1000 सैटलाइट्स खतरे में

अगर ये आपस में टकराती हैं तो इनसे हाइपरसोनिक शॉकवेव निकलेंगी और सैटलाइट्स को उड़ा देंगी। इससे निकलने वाला मलबा धरती के ऊपर परत बना देगा। इससे दूसरे स्पेस यूजर्स और ऐस्ट्रोनॉमर्स को परेशानी हो सकती है। मैकडॉवल ने नवंबर में कैलकुलेट किया कि 2.5% स्टारलिंक सैटलाइट कक्षा में फेल हो सकती हैं। यह संख्या बड़ी नहीं है लेकिन बड़े स्तर पर देखा जाए तो कुल सैटलाइट्स में से 1000 से ज्यादा खराब हो सकती हैं।



कचरे की जिम्मेदारी सबकी
कचरे की जिम्मेदारी सबकी

वहीं, सेंटर फॉर स्पेस स्टैंडर्ड्स ऐंड इनोवेशन डैनियल ऑल्ट्रोज का कहना है कि स्टारलिंक सैटलाइट का LEO में होना फायदेमंद है क्योंकि खराब होने पर उन्हें हटाया जा सकता है। उनका कहना है कि स्पेस के कचरे को लेकर किसी एक को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है। सरकारों से लेकर कमर्शल और सिविल कंपनियों ने इसमें भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि टक्कर के खतरे को कम करने के लिए गाइडलाइन्स का पालन करना होगा, स्पेस में स्थिति की समझ को बेहतर करना होगा और सैटलाइट कंपनियों के बीच डेटा शेयर करना होगा।





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