
ढाका बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह को जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। यह मंदिर मां दुर्गा की 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस दौरान पीएम मोदी ने मां काली की मूर्ति पर एक मुकुट भी चढ़ाया। यह मुकुट चांदी का बना है और इस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है। इस मुकुट को कलाकारों ने तीन सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया था। हालांकि प्रधानमंत्री को इस मंदिर में एक बड़ी कमी भी खली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर में दर्शन के बाद कहा, 'मैंने सुना है कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त सीमा के उस पार से और यहां से भी आते हैं। यहां पर एक कम्यूनिटी हॉल की आवश्यकता है। ये बहुउद्देशीय हॉल हो ताकि जब काली पूजा के लिए लोग आएं तो उनके भी उपयोग में आए और सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक अवसर पर यहां के लोगों के काम आए और आपदा के समय खासकर चक्रवात के समय ये कम्यूनिटी हॉल सबके लिए शेल्टर का स्थान बन जाए।' पीएम मोदी के दर्शन से पहले बांग्लादेश के सतखीरा जिले के ईश्वरपुर में स्थित इस मां काली के मंदिर को बड़े ही खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। अपनी बांग्लादेश यात्रा की शुरुआत से पहले ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वे 51 शक्तिपीठों में से एक प्राचीन जेशोरेश्वरी काली मंदिर में मां काली की पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पीएम मोदी के इस मंदिर के दौरे को लेकर सुरक्षा के भी तगड़े इंतजाम किए गए थे। मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में बांग्लादेश की पुलिस के अलाव अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है। मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है कि पीएम मोदी हमारे मंदिर का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी भगवान शंकर के अनन्य भक्त हैं। इसके अलावा वे मां दुर्गा की पूजा भी करते हैं। हर साल नवरात्रि के दौरान पीएम मोदी नौ दिनों का व्रत रखते हैं। जेशोरेश्वरी काली मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। जेशोरेश्वरी नाम का मतलब जेशोर की देवी से है। इसे बांग्लादेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल बांग्लादेश और भारत से हजारों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु माता के इस मंदिर का दर्शन करने पहुंचते हैं। बताया जाता है कि इस स्थान पर मंदिर का निर्माण एक ब्राह्मण ने किया था। लेकिन, इसके निर्माण का समय आज भी रहस्य बना हुआ है। काली पूजा के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दिन यहां मेला भी लगता है। कहते हैं कि कभी इस मंदिर में 100 दरवाजे थे, लेकिन वर्तमान में यह मंदिर छोटे स्वरूप में ही दिखाई देता है।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/39kNsh5
via IFTTT
No comments:
Post a Comment