
नई स्टडी में यहां करीब 20 लाख साल पहले के इंसानों के बनाए औजार मिलने की पुष्टि की गई है। इसके साथ ही गुफा में रहने का यह दुनिया का सबसे पुराना सबूत माना जा रहा है। यहां आग का इस्तेमाल करने के सबूत भी मिले हैं।

दक्षिण अफ्रीका की एक गुफा में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे करीब बीस लाख साल पहले इंसानी ठिकाने होने के सबूत मिले हैं। पुरातत्वविदों का मानना है कि ये हमारे पूर्वजों का सबसे पहला घर हो सकता है। जेरूसलेम में हीब्रू यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी रेगिस्तान में वंडरवर्क केव को स्टडी किया और यहां प्राचीन परतों में छिपे रहस्यों को खोजा गया। इस जगह का स्थानीय भाषा में नाम ही 'चमत्कार' है और यहां लाखों साल के पुरातन रेकॉर्ड मौजूद हैं। (फोटो: Michael Chazan)
अंदर क्या मिला?

नई स्टडी में यहां करीब 20 लाख साल पहले के इंसानों के बनाए औजार मिलने की पुष्टि की गई है। इसके साथ ही गुफा में रहने का यह दुनिया का सबसे पुराना सबूत माना जा रहा है। यहां आग का इस्तेमाल करने के सबूत भी मिले हैं। स्टडी के लीड रिसर्चर प्रफेसर रॉन शार ने बताया, 'वंडरवर्क प्राचीन ओल्डोवन साइट्स में अनोखा है।' यहां टीम ने गुफाओं की परतों में खोज की और ओल्डोवन औजारों से आगे उन्हें हाथ से बनी कुल्हाड़ियां मिलीं। (फोटो: Michael Chazan)
कैसे बदला समय?

यहां उन्हें 10 लाख साल पहले आग का इस्तेमाल करने के सबूत मिले। यहां जली हुईं हड्डियां, तलछट और औजारों की राख मिली है। टीम ने 8 फीट मोटी सेडिमेंटरी लेयर का अनैलेसिस किया जिसमें पत्थर से बने औजार, जानवरों के अवशेष और आग से जुड़ा सामान मिला। इनके मैग्नेटिक सिग्नल को स्टडी किया गया है। मैग्नेटाइजेशन तब होता है जब गीली मिट्टी के पार्टिकल, जो बाहर से गुफा में आए हों और प्राचीन जमीन पर रह गए हों और इससे उस वक्त धरती की जो मैग्नेटिक फील्ड थी, उसकी दिशा पता चलती है। (फोटो: Michael Chazan)
इतिहास की कहानी

लैब अनैलेसिस में पता चला है कि कुछ सैंपल दक्षिण की तरफ मैग्नेटाइज्ड थे जो आज की मैग्नेटिक फील्ड है। शार ने बताया है कि धरती के चुबंकीय ध्रुवों के पलटने का समय विश्वस्तर पर माना गया है। इससे गुफाओं के अंदर परतों के क्रम से काफी अहम सबूत मिलते हैं। प्रफेसर अरी मैटमन ने सेकंडरी डेटिंग मेथड की मदद से पुष्टि की है यहां सबसे प्राचीन आदिमानव रहे होंगे। उन्होंने बताया कि रेत में क्वॉर्ट्ज पार्टिकल्स ने एक जियोलॉजिकल घड़ी बनाते हैं जो गुफा के अंदर जाने पर जैसे चल पड़ती हो। अलग-अलग आइसोटोप्स की मदद से इन्हें पहचाना जा सकता है। (फोटो: Michael Chazan)
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/32ZWblq
via IFTTT
No comments:
Post a Comment