Monday, 26 April 2021

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केनबरा दुनियाभर के देशों से उलझे चीन को ऑस्ट्रेलिया अब दूसरी बार कड़ा सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है। कुछ ही दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर चीन की के दो समझौतों को रद्द कर दिया था। जिसके बाद अब स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व वाली सरकार को चीन के चंगुल से निकालने का प्लान बना रही है। इस पोर्ट को ऑस्ट्रेलिया की उत्तरी क्षेत्र की सरकार ने 2015 में चीनी स्वामित्व वाली कंपनी को 99 साल की लीज पर दिया था। डॉर्विन पोर्ट से प्रशांत महासागर में चीन को लगेगा झटका ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि विदेश मंत्री मारिस पायने डार्विन पोर्ट के अलावा लगभग हजारों अलग-अलग लीज का अध्ययन कर रही हैं। इनमें से हजारों मामले देखने के लिए हैं और विदेश मंत्री उन सभी को देखकर फैसला करेंगी। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने इसकी पुष्टि नहीं की कि ऑस्ट्रेलिया इस समझौते को रद्द करने जा रहा है। बुधवार को ऑस्ट्रेलिया ने BRI प्रोजक्ट को किया था रद्द पिछले बुधवार को विदेश मंत्री मारिस पायने ने एक बयान में कहा था कि कैबिनेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर चीन की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के दो समझौते को रद्द कर दिया है। जिन दो समझौतों को रद्द किया गया है, उनमें चीनी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में दो बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर को तैयार करने वाली थीं। यह समझौता चीन के साथ 2018 और 2019 में किया गया था। नए कानून के तहत ऑस्ट्रेलिया ने की जवाबी कार्रवाई ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया था जो घरेलू नीतियों में गुप्त विदेशी दखल को प्रतिबंधित करता है। पेइचिंग ने इन कानूनों को चीन के प्रति पूर्वाग्रह पूर्ण और चीन-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में जहर घोलने वाला करार दिया है। माना जा रहा है कि इस नए फैसले से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। ऑस्ट्रेलिया से व्यापार युद्ध कर रहा चीन कुछ दिन पहले ही चीन में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ग्राहम फ्लेचर ने, उसे बदला लेने वाला और गैर भरोसेमंद व्यापार साझेदार बताया था। इन दिनों दोनों देशों में तनाव के कारण ऑस्ट्रेलिया से चीन को निर्यात किए जाने वाले सामानों में भारी गिरावट देखने को मिली है। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के एक साल पहले कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की स्वतंत्र जांच कराने की मांग के बाद से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक टकराव बढ़ गया है। हॉन्ग कॉन्ग को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया-चीन आमने सामने ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से पैदा हुई आशंकाओं के कारण हॉन्गकॉन्ग के साथ प्रत्यर्पण संधि को रद्द कर दिया है। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और हॉन्ग कॉन्ग अपने अधिकार क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को प्रत्यर्पित नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को अपने यहां बसने और वीजा अवधि बढ़ाने का ऑफर भी दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऐलान किया कि हॉन्ग कॉन्ग में बिजनेस करने वाले लोग अगर ऑस्ट्रेलिया आना चाहें, तो वे आ सकते हैं।


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