
वॉशिंगटन अगले महीने आइफिल टावर से भी बड़ा के पास से गुजरने वाला है। इस विशाल स्पेस रॉक को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने 'खतरनाक' की श्रेणी में रखा है। हालांकि, इस बार यह सुरक्षित दूरी पर ही निकल जाएगी और धरती को इससे कोई खतरा होने की आशंका नहीं है। किसी स्पेस ऑब्जेक्ट की धरती से दूरी और विशालता के आधार पर उससे होने वाले खतरने का आकलन किया जाता है। धरती को खतरा नहीं NASA के मुताबिक यह 2020KT1 1 जून को धरती के करीब से गुजरेगा। अभी तक के आकलन के मुताबिक यह धरती से 45 लाख मील की दूरी से निकल जाएगा। यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी से 19 गुना ज्यादा है। NASA का कहना है कि यह धरती के करीब से 40 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से निकलेगा। यह राइफल की गति से 20 गुना ज्यादा है। इसका आकार 492-1082 फीट डायमीटर के बीच है। यह करीब तीन फुटबॉल फील्ड्स के बराबर है। 100 साल में 22 ऐस्टरॉइड्स का खतरा अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।
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