
वॉशिंगटन/पेइचिंग कोरोना वायरस के कहर से दुनियाभर में लाखों लोगों की जान चली गई है और करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए हैं। इस बीच कोरोना महामारी की उत्पत्ति को लेकर अब अमेरिका और चीन के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कोरोना महामारी के उत्पत्ति की जांच को 90 दिन में पूरा करने के आदेश के बाद चीन भड़क उठा है। यही नहीं ड्रैगन अब यह बताने में जुट गया है कि कोरोना वायरस वुहान से नहीं बल्कि अमेरिका से दुनिया में फैला है। बाइडेन के बयान के बाद अब चीन यह कहने में जुट गया है कि कोरोना वायरस वास्तव में अमेरिका से शुरू हुआ था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन का आदेश दिखाता है कि अमेरिका, ‘तथ्यों और सच्चाई की परवाह नहीं करता और न ही उसकी रुचि वैज्ञानिक तरीके से वायरस के उद्गम का पता लगाने में है।’ चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को खुद डेट्रिक फोर्ट सैन्य अड्डे सहित सभी जैव प्रयोगशालाओं को जांच के लिए खोलना चाहिए। 'फोर्ट डेट्रिक और अमेरिका के 200 बॉयो लैब में क्या रहस्य छिपा?' झाओ ने कहा, ‘अमेरिकी पक्ष दावा करता है कि वह चाहता है कि चीन विस्तृत, पारदर्शी और सबूत आधारित अंतरराष्ट्रीय जांच में शामिल हो।’ उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिकी पक्ष से भी ऐसा ही चाहते हैं कि वह उद्गम का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक आधार पर होने वाली जांच में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सहयोग करे।’ डेट्रिक फोर्ट अमेरिकी सेना की एक बॉयोमेडिकल रिसर्च लेब्रोटरी है जो मेरीलैंड में स्थित है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बिना किसी ठोस सबूत के इस अमेरिकी प्रयोगशाला का नाम कोरोना वायरस से जोड़ दिया। उन्होंने सवाल किया, 'फोर्ट डेट्रिक और दुनियाभर में अमेरिका के 200 बॉयो लैब में क्या रहस्य छिपा हुआ है? अमेरिका को इसकी दुनिया को सफाई देने की जरूरत है। दरअसल जब से कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन के वुहान लैब की जांच शुरू हुई है, चीन ने ध्यान मोड़ने के लिए फोर्ट डेट्रिक का नाम लेना शुरू कर दिया है। महामारी के उद्गम का पता लगाने की कोशिशों को दोगुना करें: बाइडन इससे पहले बाइडन ने अपने खुफिया अधिकारियों को महामारी के उद्गम का पता लगाने की कोशिशों को दोगुना करने को कहा था। साथ ही उन्होंने वायरस के चीन की प्रयोगशाला से किसी संभावित संबंध का पता लगाने को भी कहा है। बाइडेन ने 90 दिनों के भीतर इसपर उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है। चीन में वुहान जैव प्रयोगशाला से वायरस की उत्पत्ति होने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच बाइडन ने यह निर्देश दिया है। कोविड-19 का पहली बार 2019 के अंतिम महीनों में चीन के मध्य में स्थित शहर वुहान में पता चला था। विश्व भर में वायरस की पहुंच की पुष्टि होने के बाद से संक्रमण के 16.8 करोड़ मामलों की दुनिया भर में पुष्टि हुई है और कम से कम 35 लाख लोगों की मौत हुई है। यह घोषणा ऐसे वक्त में की गई है जब अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में पाया गया कि चीन के वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान में कई अनुसंधानकर्ता नवंबर 2019 में बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इस नये ब्योरे से बाइडन प्रशासन पर घातक वायरस की उत्पत्ति को लेकर विस्तृत जांच का आदेश देने का नये सिरे से दबाव बना है।
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