
बाकू आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच पिछले साल भीषण युद्ध देख चुके नागोर्नो-काराबाख इलाके में एक बार फिर तनाव भड़क उठा है। अजरबैजान ने आर्मीनिया के 6 सैनिकों को पकड़ लिया है। दोनों ही देशों के रक्षा मंत्रालयों ने इसकी पुष्टि की है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पकड़े गए आर्मीनिया के सैनिक केलबाजार इलाके में उसकी सीमा को पार करने की कोशिश कर रहे थे। अजरबैजान ने कहा कि आर्मीनिया के सैनिक अजरबैजान के सैनिकों के रास्ते में बारुदी सुरंग बिछाने का प्रयास कर रहे थे और उन्हें घेरकर बंदी बना लिया गया है। उधर, आर्मीनिया ने कहा है कि उसके सैनिक पूर्वी गेघरकूनिक इलाके में इंजीनियरिंग का काम कर रहे थे। यह इलाका अजरबैजान से सटा हुआ है। आर्मीनिया ने कहा कि इन सैनिकों को छुड़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई उधर, आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने आह्वान किया है कि रूस या अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक अजरबैजान की सीमा पर तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस इलाके में माहौल तनावपूर्ण है। इस बीच अमेरिका ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और कहा कि अजरबैजान की ओर से सभी 6 सैनिकों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच पिछले साल हुई जंग में हजारों की तादाद में लोग मारे गए थे। आर्मीनिया को नार्गोनो कराबाख में अपना एक हिस्सा खोना पड़ा था। इसके बाद से वहां पर रूसी सैनिक तैनात हैं। दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं। नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है। 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया। उनके इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच कुछ समय के अंतराल पर अक्सर संघर्ष होते रहते हैं।
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