
कैनबेरा कोरोना वायरस की महामारी ने कई प्रेमियों को एक दूसरे से दूर रखा है। ये जुदाई सिर्फ इंसानों नहीं, बेजुबान जानवरों को भी झेलनी पड़ी। मशहूर गलापगोस कछुआ ह्यूगो (Hugo) भी इन्हीं में से एक है। अब उसकी लॉन्ग-डिस्टेंस गर्लफ्रेंड एस्ट्रेला (Estrella) को एक टीम सात समंदर पार से अपने साथ लेकर पहुंचेगी जहां आखिरकार दोनों साथ होंगे। 21 साल की एस्ट्रेला जर्मनी से ऑस्ट्रेलिया रेप्टाइल पार्क पहुंचेगी। कोरोना ने किया दूर न्यू साउथ वेल्स सेंट्रल कोस्ट के सॉमर्सबी में स्थित पार्क में तीन महीने के क्वारंटीन के बाद एस्ट्रेला 70 साल के ह्यूगो से मिलेगी। दोनों को 2019 में ही मिलना था लेकिन की वजह से दोनों साथ नहीं आ सके। एस्ट्रेला करीब 40 साल बाद ऑस्ट्रेलिया आने वाली पहली गलापगोस कुछआ है। ह्यूगो लंबे वक्त से अकेला है और टीम उसके लिए साथी के इंतजार में है। टीम को उम्मीद है कि सब ठीक रहा तो गलापगोस कछुओं की आबादी को यहां बढ़ाया जा सकेगा। विलुप्त प्रजाति ह्यूगो 1963 से इस पार्क में है। साल 2019 में गलापगोस के फर्नैंडीना टापू पर एक विलुप्त प्रजाति की विशाल मादा कुछआ एस्ट्रेला को खोजा गया था। एक एक्सपीडिशन के दौरान एस्ट्रेला के मिलने से पर्यावरणविदों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। येल यूनिवर्सिटीज से रिसर्चर्स ने इसकी पहचान Chelonoidis phantasticus नाम की प्रजाति के तौर पर की। माना जाता रहा है कि यह प्रजाति 100 साल पहले विलुप्त हो चुकी है। बढ़ेगी आबादी एस्ट्रेला को जर्मनी के जू रॉस्टॉक से लाया जाएगा। विशाल कछुओं की इस प्रजाति को बचाने के लिए संरक्षण कार्यक्रम इस मुलाकात को लेकर उत्साहित है। ऑस्ट्रेलियन रेप्टाइल पार्क के हेड डैनियल रमसी का कहना है कि एस्ट्रेला के एक बार पार्क में सेटल हो जाए और उसे यहां की आदत हो जाए, उम्मीद है कि उसके बाद प्रजनन के जरिए अगले पांच साल में कछुओं की आबादी को बढ़ाया जा सकेगा।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3fsUhkg
via IFTTT
No comments:
Post a Comment