
लंदन कोरोना वायरस के कहर से भारत समेत पूरी दुनिया बेहाल है और त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है। विश्वभर में हर तरफ एक ही सवाल है कि इस महासंकट से मानवता को कब मुक्ति मिलेगी। इस बीच अब एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस महामारी पूरे साल कई बार अपने चरम पर आएगी और फिर कम होगी। इस तरह कोरोना के कहर से पूरे सालभर दुनिया को जूझना पड़ेगा। जर्नल साइंटफिक रिपोर्ट में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि सर्दियों में ज्यादा मामले आएंगे और गर्मियों के मौसम में कम मामले देखने को मिलेंगे। भूमध्य रेखा के पास मौजूद देशों में कोरोना वायरस के कम मामले सामने आएंगे जबकि जो देश धरती के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में स्थित हैं, उन्हें ज्यादा कोरोना वायरस मामलों से जूझना पड़ेगा। शोधकर्ताओं ने 117 देशों के आंकड़े के आधार पर यह शोध प्रकाशित किया है। एक अक्षांश रेखा बढ़ने पर 4.3 प्रतिशत कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि इस शोध के दौरान यह जानने का प्रयास किया गया कि किसी देश की अक्षांश रेखा का वहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पर क्या असर पड़ता है। इस शोध को हेइडेलबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ जर्मनी और चाइनीज अकादमी ऑफ मेडिकल साइंसेज ने अंजाम दिया है। इसमें पाया गया कि धरती के भूमध्य रेखा से एक अक्षांश रेखा बढ़ने पर 10 लाख की आबादी पर 4.3 प्रतिशत कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि होती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जो देश भूमध्य रेखा के पास हैं, उनमें 10 लाख की आबादी पर 33 फीसदी मामले कम हैं। उन्होंने कहा कि सूरज की यूवी लाइट कोरोना वायरस को कमजोर या मार सकती है। इसका मतलब यह है कि दुनिया में गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस के कम मामले सामने आएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसका मतलब यह है कि गर्मियों के मौसम में कोरोना वायरस महामारी खत्म नहीं हो जाएगी। दुनियाभर में कोरोना मामलों की संख्या 15.24 करोड़ यह शोध ऐसे समय पर आया है जब दुनियाभर में इस महामारी से कोहराम मचा हुआ है। इस बीच कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15.24 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 31.9 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने यह जानकारी दी है। वर्तमान वैश्विक मामलों और मौतों का आंकड़ा क्रमश: 150,972,476 और 3,198,397 है। सीएसएसई के मुताबिक, दुनिया में सबसे अधिक 32,420,918 मामलों और 577,041 मौतों के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। वहीं, 19,557,457 मामलों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। सीएसएसई के आंकड़ों के मुताबिक, 20 लाख से अधिक मामलों वाले अन्य देश ब्राजील (14,754,910), फ्रांस (5,713,393), तुर्की (4,875,388), रूस (4,768,476), ब्रिटेन (4,435,831), इटली (4,044,762), स्पेन (3,524,077), जर्मनी (3,425,865), अर्जेंटीना (3,005,259), कोलंबिया, (2,893,655), पोलैंड (2,803,233), ईरान (2,534,855), मेक्सिको (2,348,873) और यूक्रेन (2,137,959) हैं। कोरोना से हुई मौतों के मामले में 407,639 संख्या के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है।
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