
तेल अवीव (IDF) ने स्वीकार किया है कि फिलिस्तीनी आतंकियों के साथ हुई झड़प के दौरान उसके डिफेंस सिस्टम ने खुद के ही ड्रोन को मार गिराया था। इस एल्बिट स्काईलार्क ड्रोन को इजरायली सेना की ही एक विंग खुफिया जानकारी जुटाने के लिए इस्तेमाल कर रही थी। जिसे बैटरी ने का रॉकेट समझ मिसाइल फायर कर मार गिराया। इस घटना के बाद से ही इजरायली सेना में ड्रोन ऑपरेशन और दुश्मनों की यूएवी को पहचानने के लिए व्यापक फेरबदल करने की तैयारी की जा रही है। इजरायली सेना ने स्वीकार की अपनी गलती इजरायल के अधिकारी इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि भविष्य में कभी भी उनके खुद का कोई ड्रोन गलती से न गिराया जाए। इसके लिए इजरायली रक्षा मंत्रालय सेना और एयरफोर्स के साथ मिलकर काम भी कर रहे हैं। इज़राइली मीडिया आउटलेट हारेत्ज़ ने सबसे पहले इस ड्रोन को गिराए जाने की खबर दी थी। हालांकि, तब आईडीएफ ने यह स्वीकार नहीं किया था कि उससे कोई गलती हुई है। अभी भी कई सवालों के जवाब से बच रही आईडीएफ रिपोर्ट के जारी होने के बाद अब इजरायली सेना ने स्वीकार किया है कि उसकी आयरन डोम सिस्टम ने गलती से खुद के ही ड्रोन को मार गिराया है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटना कब हुई? आईडीएफ ने यह भी नहीं बताया है कि गाजा और उसके आसपास के इलाकों में हाल ही में हुई लड़ाई में कुल मिलाकर आयरन डोम रक्षा प्रणालियों ने कितने ड्रोन मार गिराए? 17 मई को आयरन डोम से पहले ड्रोन को गिराने का किया था दावा इजरायली डिफेंस फोर्स ने 17 मई को घोषणा की थी कि आयरन डोम ने युद्ध में अपना पहला ड्रोन मार गिराया है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने भी यह कहा कि उसने संघर्ष के दौरान इजरायल में कई ड्रोन लॉन्च किए थे, जिसमें शेहाब नाम का एक नया आत्मघाती ड्रोन शामिल है। विशेषज्ञों का दावा है कि हमास को यह ड्रोन टेक्नोलॉजी ईरान से मिली है। इसे ईरान के अबाबील ड्रोन का कॉपी माना जाता है। आईडीएफ ने कहा- कर रहे हैं जांच आईडीएफ प्रवक्ता ने कहा कि गाजा में लड़ाई के दौरान इजरायल के आसमान की रक्षा करते हुए आयरन डोम ने आईडीएफ स्काईलार्क ड्रोन को मार गिराया। इस घटना की जांच की जा रही है। जिसके बाद हम पूरी वस्तुस्थिति को बता पाएंगे। हमास और इजरायल के बीच संघर्ष 10 मई को शुरू हुआ था। 11 दिनों तक चली लड़ाई के दौरान 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई जिसमें 11 इजरायली भी शामिल हैं। गाजा में युद्धविराम को फिलिस्तीनी बता रहे हमास की जीत गाजा में इजरायल के युद्धविराम को फिलिस्तीनी लोग हमास की जीत बता रहे हैं। युद्धविराम के प्रभाव में आने के बाद हजारों फलस्तीनियों ने जश्न मनाया। उनमें से अनेक ने कहा कि युद्ध महंगा साबित हुआ लेकिन यह इस्लामी उग्रवादी समूह हमास की स्पष्ट जीत है। वहीं, इजराइल ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि आगे कोई और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की गई तो वह नए सिरे से पूरी ताकत से जवाब देगा। 11 दिनों में इजरायल ने गाजा में बरपाया कहर 11 दिनों तक चले युद्ध में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं जिनमें अधिकतर फिलिस्तीनी हैं। युद्ध में हमास शासित गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है जो पहले से ही एक कंगाल क्षेत्र है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को तल्ख शब्दों में चेतावनी दी कि यदि आगे कोई और हमला किया गया तो उसका नए सिरे से पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि हमास यह सोचता है कि हम रॉकेट हमलों को बर्दाश्त कर लेंगे तो वह गलत है।
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