
वॉशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति की कार द बीस्ट को लेकर हमेशा से बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि इस कार को न तो कोई मिसाइल उड़ा सकती है और न ही किसी गोली का असर हो सकता है। इतना ही नहीं, केमिकल और बॉयोलॉजिकल हमले का भी असर इस कार पर नहीं होता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि साल 2010 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत दौरे पर आए थे तो उनकी द बीस्ट कार मुंबई में अचानक बंद पड़ गई थी। ओबामा की सुरक्षा में लगे सीक्रेट सर्विस के एजेंट भी इसे तब ठीक नहीं कर पाए थे। बड़ी बात यह थी कि इस घटना के समय कार में ओबामा बैठे हुए नहीं थे। 2010 में ओबामा की भारत यात्रा के दौरान हुई थी घटना प्रसिद्ध डिफेंस वेबसाइट द ड्राइव ने सीक्रेट सर्विस के काउंटर असाल्ट टीम (कैट) के मेंबर गेज के हवाले से 2010 में मुंबई की सड़क पर द बीस्ट के खराब होने की रिपोर्ट जारी की है। गेज ने द टीम हाउस पॉडकास्ट के हालिया एपिसोड में इस घटना का खुलासा किया। कैट के कमांडो हर समय अमेरिकी राष्ट्रपति की काफिले में शामिल होते हैं। ये काफिले की गाड़ियों और बाइक की सवारी करते हैं। इनका प्रमुख काम राष्ट्रपति को किसी भी प्रकार के हमले से बचाना और दुश्मन को मार गिराना होता है। मुंबई लाई गई थी दो 'द बीस्ट' कैडिलेड सीक्रेट सर्विस एजेंट गेज ने बताया कि उस दौरे के लिए भारत में दो की संख्या में प्रेसिडेंशियल लिमोसिन द बीस्ट को लाया गया था। राष्ट्रपति ओबामा का यह दौरा 6 से 6 नवंबर 2010 को हुआ था। राष्ट्रपति बनने के बाद ओबामा पहली बार भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के अलावा मुंबई का भी दौरा किया था। उन्होंने यात्रा के दौरान 2 साल पहले 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी थी। खतरे के स्तर को देखते हुए एक दिन पहले पहुंची थी कार ओबामा के भारत दौरे को लेकर सीक्रेट सर्विस के पास खतरे का अलर्ट बहुत ज्यादा था। इसलिए, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काउंटर असाल्ट टीम को एक दिन पहले ही भारत रवाना कर दिया गया। इस टीम में एजेंट गेज भी शामिल थे। जिस प्लेन से ये लोग भारत आ रहे थे, उसमें ब्रांड न्यू प्रेसिडेंशियल लिमोजिन द बीस्ट को भी रखा गया था। हालांकि, गेज ने बताया कि ओबामा के आने से पहले कार के ओवरहीटिंग का मुद्दा उठा था। इस कारण सड़क पर बंद हो गई द बीस्ट ओबामा की ब्रांड न्यू लिमोजिन का अमेरिका में फील्ड टेस्टिंग की जा चुकी थी। जिसमें यह कार अपने सभी मानकों पर खरी उतरी थी। इसलिए, इंजिनियरों ने भी इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब कार भारत पहुंची तो सीक्रेट सर्विस के किसी एजेंट ने गैसोलीन से चलने वाली इस कार में डीजल भर दिया। आने वाले खतरे से अनजान कमांडो टीम इस कार को लेकर मुंबई की सड़कों पर चलने भी लगी। कुछ ही किलोमीटर बाद राष्ट्रपति के कार का इंजन इतना गर्म हो गया कि उसने काम करना ही बंद कर दिया। कार की इंजन से निकलने लगा था धुआं सीक्रेट सर्विस के इस एजेंट ने बताया कि कार का बोनट इतना गर्म हो गया था, कि उससे भाप निकलने लगी थी। हम इस खाली कार को लेकर अमेरिकी दूतावास के स्टोरेज फैसिलिटी की ओर जा रहे थे। जैसे ही हम बाहर निकले आसपास के झुग्गियों से हजारों लोग हमें देखने के लिए चारों ओर जुट गए। अमेरिकी सरकार के इस क्लासिफाइड कार के नजदीक इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देख हमारे होश भी उड़ गए थे। टॉप सीक्रेट कार के पास पहुंचे हजारों लोग इस टीम को लीड कर रहे गेज ने बताया कि हमारे लोग हजारों की भीड़ को संभाल नहीं सकते थे। कार को छूने आ रही भीड़ को दूर रखने के लिए हम फायरिंग भी नहीं कर सकते थे। काफी कोशिशों के बाद हम लोगों को मनाने में सफल रहे। इस दौरान कार का इंजन भी ठंडा हो चुका था। जिसके कारण हम इसे अपने ऑफसाइट तक लेकर जाने में सक्षम हो पाए।
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