
मेलबर्न भारत में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए कई देशों ने ट्रैवल बैन लगाया हुआ है। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया ने भी आज यानी 3 मई से 14 मई तक भारत से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध को तोड़ने या किसी अन्य देश के जरिए चुपके से ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले यात्रियों को 5 साल तक की सजा या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। सरकार के इस फैसले के बाद ऑस्ट्रेलिया में भारी बवाल मचा हुआ है। स्थानीय लोग ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर नस्लवाद का आरोप लगा रहे हैं। 15 मई तक लागू रहेगा प्रतिबंध भारत में हर दिन लगभग 4 लाख कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को एक बयान में ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा कि नए प्रतिबंधों को नजरअंदाज करने वाले किसी व्यक्ति को पांच साल की सजा, 66,600 डॉलर (4921240.50 रुपये) का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। यह प्रतिबंध 15 मई तक लागू रहेगा, हालांकि समीक्षा के बाद इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। 7 दिनों में विदेशों से आए 139 लोग संक्रमित मिले ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार इस फैसले को हल्के में नहीं ले रही है। इससे ऑस्ट्रेलियाई सार्वजनिक स्वास्थ्य और क्वारंटीन सिस्टम सुरक्षित रहेंगे। हमारे फैसले से क्वारंटीन फैसिलिटी में कोरोना के मामले हमारे संभालने लायक क्षमता तक कम हो सकेंगे। पिछले सात दिनों में ऑस्ट्रेलिया में विदेश से आए 139 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। ऑस्ट्रेलिया के दो क्रिकेटरों की वापसी के बाद लगे प्रतिबंध ऑस्ट्रेलियाई सरकार का यह नया प्रतिबंध पिछले हफ्ते दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के दोहा होते हुए मेलबर्न पहुंचने के बाद लगाया गया है। दरअसल, भारत से सीधी उड़ानों के सस्पेंड होने के बाद ये दोनों क्रिकेटर कतर होते हुए ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने किसी भी देश के जरिए भारत से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध का ऐलान किया है, भले ही वह ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ही क्यों न हों। ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों की स्वदेश वापसी रोकी स्थानीय मीडिया ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी भी ऑस्ट्रेलियाई को उसके स्वदेश लौटने की कोशिश के लिए अपराधी बनाया गया है। ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों के चरम पर पहुंचने पर भी ऐसे प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। भारत से आने वाले यात्रियों पर लगने वाले प्रतिबंधों का ऑस्ट्रेलिया के भारतीय समुदाय, मानवाधिकार संस्थाओं और सरकार के लोगों ने ही विरोध किया है। 9000 ऑस्ट्रेलियाई भारत में फंसे ऑस्ट्रेलियाई सरकार में शामिल सीनेटर मैट कैनावन ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि ऑस्ट्रेलिया की क्वारंटीन सिस्टम को ठीक करना ज्यादा जरूरी था, हमें अपने लोगों को दूसरे देश में छोड़ नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भारत से ऑस्ट्रेलियाई टीम की वापसी में मदद करनी चाहिए, न कि उनका मजाक बनाना चाहिए। भारत में लगभग 9,000 ऑस्ट्रेलियाई ने अपने देश वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3ebr6Sc
via IFTTT
No comments:
Post a Comment