
बर्लिन यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (ईएमए) ने फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना वायरस रोधी टीकों को 12 से 15 साल तक के बच्चों को लगाये जाने की शुक्रवार को सिफारिश की। यह फैसला महामारी के दौरान इस महाद्वीप में पहली बार बच्चों को टीका लगाने का रास्ता खोल रहा है। टीके की समीक्षा करने वाली ईएमए के प्रमुख मार्को कावलेरी ने कहा कि यूरोपीय संघ के नियामक को बच्चों और किशोरों के लिए टीके के इस्तेमाल को मंजूरी देने के लिए आवश्यक आंकड़े मिले थे और उन्होंने इसे कोविड-19 के खिलाफ अत्यंत प्रभावशाली पाया है। उन्होंने बताया कि इस फैसले पर यूरोपीय आयोग और अलग-अलग देशों के नियामकों की मुहर लगना जरूरी है। इससे पहले कनाडा और अमेरिका के नियामकों ने पिछले महीने इसी तरह का फैसला किया था। विकसित देश अपनी अधिक से अधिक आबादी को टीका लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं। फाइजर-बायोएनटेक के टीके को 27 देशों के यूरोपीय संघ में सबसे पहले मंजूरी मिली थी और दिसंबर में 16 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लगाने के लिए इसे लाइसेंस प्रदान किया गया था। ईएमए की बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी देने की सिफारिश अमेरिका में 2,000 से अधिक किशोरों में अध्ययन पर आधारित है। अध्ययन में टीके को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया। अनुसंधानकर्ता बच्चों में अगले दो साल तक टीके की खुराक की दीर्घकालिक सुरक्षा पर निगरानी रखेंगे।
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