वॉशिंगटन दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति और ऐमजॉन कंपनी के मालिक जेफ बेजोस आज अंतरिक्ष के सैर पर रवाना होने जा रहे हैं। भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे जेफ बेजोस अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होंगे। जेफ बेजोस की इस यात्रा के दौरान दो नए रेकॉर्ड बनने जा रहे हैं। जेफ बेजोस की इस फ्लाइट में दुनिया की सबसे बुजुर्ग और सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री जा रहा है। बेजोस के साथ उनके भाई भी अंतरिक्ष की सैर पर जा रहे हैं। बेजोस के साथ भाई मार्क, 82 साल की महिला अंतरिक्ष यात्री वेली फंक और 18 साल के अंतरिक्ष यात्री ओलिवर दाइमेन भी जा रहे हैं। इस उड़ान टेक्सास में लाकर लाइव देखनी की सुविधा नहीं है लेकिन ऑनलाइन ब्लू ओरिजिन इसका लाइव प्रसारण करेगी। करीब 204 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक जेफ बेजोस के पास एक आलीशान याट है जिसकी मदद से वह जब चाहें दुनिया के किसी समुद्र में सैर पर निकल सकते हैं। यही नहीं अपने परिवार और दोस्तों के लिए बेजोस एक पूरा द्वीप ही खरीद सकते हैं और वहां आरामभरी भरी जिंदगी बिता सकते हैं। इन सब संभावनाओं के बाद भी जेफ बेजोस मात्र 11 मिनट की सैर के लिए जीवन का सबसे बड़ा जोखिम लेने जा रहे हैं। अंतरिक्ष का यह सफर कितना खतरनाक है कि इसमें बेजोस की जान भी जा सकती है। ध्वनि की गति से ज्यादा तेज जेफ बेजोस, उनके भाई मार्क बेजोस और साथी यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में ऊपर जाएंगे और 11 मिनट में लौट आएंगे। बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। इस तरह से वह अंतरिक्ष की ऊंचाई नापने के मामले में वर्जिन गैलेक्टिक के रिचर्ड बेजोस का भी रेकॉर्ड तोड़ देंगे। न्यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाएगा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहेगा जब तक कि उसका ज्यादातर ईंधन खत्म नहीं हो जाता है। ऐसे होगी लैंडिंग यह कैप्सूल के सबसे ज्यादा ऊंचाई तक पहुंचने पर रॉकेट से अलग हो जाएगा। कुछ देर तक अंतरिक्ष में घूमने के दौरान कुछ मिनट बिना ग्रैविटी भारहीनता भी रहेगी। इसके बाद स्पेस कैप्सूल बेजोस को लेकर धरती की ओर रवाना हो जाएगा। न्यू शेफर्ड रॉकेट अपनी रफ्तार को कम करने के लिए पैराशूट को खोल देगा। अलग से उड़ रहा रॉकेट अपने इंजन को फिर से चालू करेगा और अपने कंप्यूटर की मदद से ठीक जगह पर लैंड कर जाएगा। जानें बेजोस की अंतरिक्ष की उड़ान में कितना है खतरा बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन का न्यू शेफर्ड कैप्सूल पूरी तरह से स्वचालित है और उसे पायलट की जरूरत नहीं है। अब तक कि 15 टेस्ट उड़ान में इस कैप्सूल को लेकर कभी कोई हादसा नहीं हुआ है। मतलब यह है कि बेजोस की अंतरिक्ष की उड़ान में खतरा कम है। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि बेजोस की उड़ान पूरी तरह से खतरे से मुक्त है। सबऑर्बिटल फ्लाइट की वजह से इस रॉकेट को बहुत ज्यादा स्पीड और धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने के जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इससे खतरा कम होगा। दरअसल, अंतरिक्ष यान के धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने पर उसका तापमान 3500 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है। इससे उसके अंदर बैठे अंतरिक्षयात्रियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है। तेज रफ्तार और अत्यधिक ऊंचाई की वजह से इसमें काफी खतरा होता है। एक छोटी सी गलती भी जानलेवा हो सकती है। बेजोस करीब 3,50,000 फुट की ऊंचाई पर जा रहे हैं। यहां पर जिस कैप्सूल में वह जा रहे हैं, उन्हें स्पेसशूट पहनने की जरूरत नहीं होगी। अगर केबिन में ऑक्सीजन की कमी होती भी है तो वहां ऑक्सीजन मास्क रहेंगे जिससे वह सांस ले सकेंगे।
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