Friday 23 July 2021

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बिच्छू एक ऐसा जीव है जिसका नाम सुनते ही सबसे पहले उसके डंक और जहर का डर जहन में आता है। यहां तक कि इसके जहर की वजह से इसकी तस्करी तक होती है। भारत ही नहीं दुनिया की कई गर्म जगहों पर मिट्टी और रेत के नीचे रहने वाले इस खतरनाक जीव की ऐसी कई खासियतें हैं जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं। एक झटके में किसी को शिकार बना सकने वाला यह जीव एक साल तक बिना खाए जिंदा रह सकता है। बिच्छुओं पर पॉप्युलर साइंस की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये छोटे कीड़ों, छिपकलियों से लेकर सांप तक को खा सकते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर बिच्छू का जहर किसी बरैया के डंक से ज्यादा जहरीला नहीं होता लेकिन इनका डर ज्यादा होता है।


एक साल तक भूखा रह सकता है बिच्‍छू, सांप का करता है शिकार, जानें क्‍यों जहर है 'अमृत'

बिच्छू एक ऐसा जीव है जिसका नाम सुनते ही सबसे पहले उसके डंक और जहर का डर जहन में आता है। यहां तक कि इसके जहर की वजह से इसकी तस्करी तक होती है। भारत ही नहीं दुनिया की कई गर्म जगहों पर मिट्टी और रेत के नीचे रहने वाले इस खतरनाक जीव की ऐसी कई खासियतें हैं जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं। एक झटके में किसी को शिकार बना सकने वाला यह जीव एक साल तक बिना खाए जिंदा रह सकता है। बिच्छुओं पर पॉप्युलर साइंस की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये छोटे कीड़ों, छिपकलियों से लेकर सांप तक को खा सकते हैं।



डर ज्यादा, खतरा कम?
डर ज्यादा, खतरा कम?

ज्यादातर बिच्छू 2-3 इंच के होते हैं। ये छोटे कीड़ों को तो पेडिपाल्प से पकड़ते हैं और अपने जहर का इस्तेमाल करते हैं बड़े शिकार को पैरलाइज करने के लिए। ये गर्मियों के मौसम में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। दिन ये ठंडी जगहों पर बिताते हैं और रात को शिकार के लिए निकलते हैं। सर्दिसोंय के मौसम में ये हाइबर्नेट करते हैं। ये अपने शरीर का मेटाबॉल्जिम इतना धीमा कर लेते हैं कि साल भर बिना खाने के रह सकते हैं। इसी वजह से ये बेहद गर्म तापमान में भी जीवित रह पाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर बिच्छू का जहर किसी बरैया के डंक से ज्यादा जहरीला नहीं होता लेकिन इनका डर ज्यादा होता है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 2,500 के करीब प्रजातियां पाई जाती हैं और इनमें से 30 ऐसी होती हैं जिनके जहर से इंसानों को खतरा हो सकता है।



कहीं छिपा ना बैठा हो..
कहीं छिपा ना बैठा हो..

बिच्छू अपने पैरों पर छोटे-छोटे बाल से वाइब्रेशन को सेंस करते हैं। लोमी लिंडा यूनिवर्सिटी में बायॉलजी प्रफेसर विलियम हेज के मुताबिक बिच्छुओं को इंसानों से कोई मतलब नहीं होता और ये अकेले रहना चाहते हैं। ये सिर्फ तभी किसी को काटते हैं जब इन्हें कोई खतरा महसूस होता है। ये सूखी, चट्टानी जगहों, पेड़ों और दरारों में रहते हैं। इसलिए ऐसी जगहों पर जाने वालों को खास ख्याल रखना चाहिए। यहां तक कि कई बार ठंडक पाने के लिए जूतों और कपड़ों में भी छिप जाते हैं। हेज बताते हैं कि अगर बिच्छू काट भी लेता है तो डरना नहीं चाहिए। इससे दर्द होता है लेकिन ज्यादातर मामलों में 10 मिनट के अंदर यह खत्म हो जाता है। निशान और सूजन जरूर हो सकती है।



..तो जाएं डॉक्टर के पास
..तो जाएं डॉक्टर के पास

अगर किसी को इसके जहर से अलर्जी हो, तो अनाफिलैक्टिक या अनाफाइलैक्टॉइड रिऐक्शन हो सकता है। ऐसे लोगों को बिच्छुओं के संभावित ठिकानों के पास एपिनेफ्रीन जैसे इंजेक्शन रखने चाहिए। बार-बार काटे जाने पर समस्या गंभीर हो सकती है। अगर सांस लेने में तकलीफ हो, मांसपेशियों में दिक्कत हो, उल्टी आए या दर्द कम न हो, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

जहरीले होने के अलावा बिच्छुओं का एक फायदा भी होता है। ये इंसानों में ब्रेन ट्यूमर और कैंसर के इलाज के लिए काम आते हैं। ये ऐसे सिग्नल्स को ब्लॉक कर देते हैं जो कैंसर सेल्स को बढ़ते रहने के लिए संकेत देते हैं।





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