Saturday 31 July 2021

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वॉशिंगटन की खोज में जुटे वैज्ञानिकों की उम्मीद को झटका लग सकता है। दरअसल, यहां जिन्हें पानी की झील माना जा रहा था, अब संभावना जताई गई है कि वे जमी हुई क्ले मिट्टी हो सकती हैं। प्लैनेटरी साइंस इंस्टिट्यूट के रिसर्च साइंटिस्ट आइसक स्मिथ का कहना है कि कि यूरोपियन स्पेस एजेंसी के Mars Express में लगे MARSIS की मदद से 2018 में लिया गया रेडार डेटा की संभावना पर सवाल करता है। पानी नहीं तो क्या? स्मिथ का कहना है कि जमी हुई क्ले क्रायोजेनिक तापमान पर रिफ्लेक्शन पैदा कर सकती है। उनका कहना है कि पानी को लिक्विड की शक्ल में रहने के लिए जितनी मात्रा में तापमान और नमक चाहिए होगा, उससे लगता है कि यह दरअसल, पानी नहीं बल्कि smectites नाम का खनिज है। यह एक तरह की चिकनी मिट्टी होती है जो ज्वालामुखी की चट्टानों जैसी होती है और मंगल पर काफी ज्यादा पाई जाती है। रिसर्चर्स ने इन smectites को -42 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया और इस तापमान पर पानी इनके ऊपर हो तो वैसा ही दिखता है जैसा MARSIS को दिखा। साल 2018 में MARSIS ने मंगल के दक्षिण ध्रुव की बर्फ के नीचे पानी की झील की मौजूदगी का दावा किया था। दो साल बाद रिसर्चर्स को करीब 6 मील की कई नमकीन झीलें मिलीं। हर कोई नहीं सहमत स्मिथ का कहना है कि पानी का लिक्विड की शक्ल में मिलना मुश्किल है लेकिन उनकी बात से NASA JPL के जेफ्री प्लॉट समेत कई लोग सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि ओरिजिनल पेपर में यह साबित नहीं किया गया कि वहां पानी है और नए पेपर यह साबित नहीं करते कि पानी नहीं है लेकिन हम सहमति बनाने के लिए संभावनों को एक करने की कोशिश करते हैं।


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