मॉस्को रूस और जापान के बीच सीमा विवाद अब गंभीर रुख अख्तियार करता दिखाई दे रहा है। दोनों ही देशों ने सीमा विवाद को लेकर एक दूसरे के राजनयिकों को तलब कर कड़ा विरोध भी जताया है। दरअसल, आज से रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन ने प्रशांत महासागर में स्थित जापान के दावे वाले कुरील द्वीप का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया है कि रूसी सरकार इस विवादित इलाके में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने पर विचार कर रही है। रूसी प्रधानमंत्री के दौरे और उनके ऐलान को लेकर जापान भड़का हुआ है। रूस-जापान में क्या है विवाद जापान कुरील द्वीपों पर अपने क्षेत्रीय अधिकारों का दावा करता है। जापान इन द्वीपों को उत्तरी क्षेत्र कहता है। सोवियत संघ ने उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में अपने कब्जे में ले लिया था और तब से इनको लेकर विवाद बरकरार है। समझौते पर बातचीत करने के लिए दशकों से चल रहे राजनयिक प्रयासों का अब तक कोई स्पष्ट परिणाम नहीं निकल सका है। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रूस के साथ इस विवाद को खत्म करने के लिए काफी प्रयास भी किए थे। दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को तलब किया विरोध दर्ज करवाने के लिए जापान के स्थायी उप विदेश मंत्री ताकेओ मोरी ने टोक्यो में रूसी राजदूत मिखाइल गालुजिन को तलब किया था। इस दौरान उन्होंने रूस के सामने कड़ा विरोध दर्ज करवाते हुए इस हाई प्रोफाइल यात्रा को तुरंत खत्म करने का आग्रह किया। इसके जवाब में रूसी उप विदेश मंत्री इगोर मोरगुलोव ने जापानी राजदूत टोयोहिसा कोजुकी को बुलाकर क्षेत्रीय दावों से संबंधित टोक्यो के हाल के दावों का विरोध किया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूसी उप विदेश मंत्री इगोर मोर्गुलोव ने जापान के क्षेत्रीय दावों के संदर्भ में जापानी पक्ष को एक मजबूत विरोध दर्ज कराया है। हमने दृढ़ता से अपने सहयोगियों से विनाशकारी कदमों की ओर नहीं मुड़ने का आग्रह किया। हमने रूस जापान संबंधों को गुणात्मक रूप से नए स्तर पर ले जाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के पहले के समझौतों के कार्यान्वयन के लिए जोर दिया। रूसी प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में जानें रूसी प्रधानमंत्री मिशुस्तीन ने चार सबसे दक्षिणी कुरील द्वीपों में से एक, इटुरुप पर एक अस्पताल और एक मछली संयंत्र का दौरा किया। उन्होंने इस दौरान संयंत्र श्रमिकों से कहा कि सरकार द्वीपों पर एक विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने पर विचार कर रही है, जिसमें व्यवसाय और निवेश अधिकांश करों और सीमा शुल्कों से मुक्त होंगे। मिशुस्तीन ने कहा कि रूसी अधिकारी वर्तमान में जिन उपायों पर विचार कर रहे हैं, वे निवेशकों के लिए एक अच्छा साधन हो सकते हैं, जिनमें पश्चिम के लोग और जापान भी शामिल हो सकते हैं, अगर वे रुचि रखते हैं, तो यहां रोजगार पैदा कर सकते हैं। इससे इन द्वीपों पर आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। कुरील द्वीपों के नजदीक गश्त करती है रूसी नौसेना कुरील द्वीपों की सुरक्षा के लिए रूसी नौसेना की पूर्वी फ्लीट लगातार गश्त करती रहती है। रूस की पूर्वी फ्लीट प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इस फ्लीट में कई घातक युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। रूसी नौसेना इन विवादित द्वीपों के नजदीक सैन्य अभ्यास और मिसाइल टेस्टिंग भी करती है।
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