लंदन ब्रिटेन में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बीच फ्रीडम डे से ठीक पहले लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद हजारों की तादाद में लोग नाइट क्लब में उमड़ पड़े। फ्रीडम डे से ठीक पहले लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद पहली बार बिना किसी पाबंदी के नाइट क्लब के अंदर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई है। आलम यह रहा कि रविवार की रात को नाइट क्लब और बार के बाहर बड़ी-बड़ी लाइनें देखी गईं। कई लोगों को तो बार और क्लब के अंदर घुसने के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। पिछले साल मार्च में लगाए गए प्रतिबंधों के बाद पहली बार लोगों ने बिना किसी प्रतिबंध के पार्टी का मजा लिया। वे पूरी रात डांस करना चाहते थे और एक-दूसरे से बात करना चाहते थे। ब्रिटेन में 19 जुलाई की मध्य रात को ज्यादातर कोरोना वायरस प्रतिबंधों को हटा लिया जाएगा। ब्रिटेन में कानूनी रूप से मास्क पहना भी जरूरी नहीं ब्रिटेन में फ्रीडम डे का जश्न मनाने के लिए भले ही नाइट क्लबों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं लेकिन 73 फीसदी क्लब जाने वाले लोगों का कहना है कि वे वापस नहीं लौटना चाहते हैं क्योंकि देश अभी अभी लॉकडाउन से निकला है। ब्रिटेन में कानूनी रूप से मास्क पहना भी जरूरी नहीं है। नाइट क्लब में जाने वालों की संख्या पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है। क्लबों का कहना है कि वे और उनके कस्टमर इसी मौके का इंतजार कर रहे थे। कोरोना प्रतिबंधों में यह ढील ऐसे समय पर दी गई है जब ब्रिटेन सरकार ने रविवार को घोषणा की कि उसने देश के सभी वयस्कों को जुलाई के अंत तक कोविड-19 टीका लगाने का लक्ष्य तय समय से पहले हासिल कर लिया। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग (डीएचएससी) ने कहा कि ब्रिटेन में कोविड टीकों की अब तक कुल 81,959,398 खुराकें दी जा चुकी हैं। इनमें से 46,227,101 (87.8 प्रतिशत) लोगों के पहली जबकि 35,732,297 (67.8) प्रतिशत को दूसरी खुराक दी गई है। ब्रिटेन इस समय कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में इस बीच ब्रिटेन के इस फैसले की दुनियाभर में आलोचना भी हो रही है। ब्रिटेन इस समय कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में है। शुक्रवार को 51,870 नए केस के साथ 6 महीने पुराना रेकॉर्ड टूट चुका है। जनवरी के बाद पहली बार ब्रिटेन में 50 हजार से ज्यादा केस आए हैं, वह भी तब जब करीब 68 प्रतिशत आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है या फिर टीके की कम से कम एक डोज ले चुकी है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद भी कोरोना संक्रमित हो गए। जिस तेजी से हालात बिगड़ रहे हैं, उसे देखते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि सरकार को फिर से लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वहीं 1200 से ज्यादा एक्सपर्ट्स ने सरकार को चेताया है कि लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों को पूरी तरह हटाना 'खतरनाक और अनैतिक' होगा। ब्रिटेन 19 जुलाई से सभी तरह की पाबंदियों को हटाने की तैयारी कर रहा है। उससे ठीक पहले कोरोना के मामलों में जिस तेजी से उछाल देखने को मिल रही है, उससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या हर दो हफ्ते में दोगुनी हो रही हैं। ब्रिटेन में कोरोना की तीसरी लहर के पीछे मुख्य रूप से वायरस का डेल्टा वेरिएंट है। तीसरी लहर जिस तरह से विकराल रूप लेती जा रही है, दुनियाभर के एक्सपर्ट ब्रिटिश सरकार को चेता रहे हैं कि पाबंदियों को पूरी तरह से न हटाया जाए। विश्व में कोरोना के मामले 19 करोड़ से ज्यादा पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़कर 19 करोड़ हो गए है। इस महामारी से अब तक कुल 40.8 लाख से ज्यादा जाने गई हैं और 3.61 अरब से अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ है। वर्तमान वैश्विक मामले, मरने वालों की संख्या और प्रशासित टीके की कुल संख्या क्रमश: 190,359,539, 4,088,092 और 3,619,607,690 है। दुनिया में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों की संख्या क्रमश: 34,079,069 और 609,018 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 31,106,065 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। सीएसएसई के आंकड़े के अनुसार 30 लाख से ज्यादा मामलों वाले अन्य सबसे प्रभावित देश ब्राजील (19,376,574), फ्रांस (5,929,929), रूस (5,884,593), तुर्की (5,522,039), यूके (5,455,043), अर्जेंटीना (4,756,378), कोलंबिया (4,639,466), इटली (4,287,458) , स्पेन (4,100,222), जर्मनी (3,752,236) और ईरान (3,523,263) हैं। कोरोना से हुई मौतों के मामले में ब्राजील 542,214 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है। भारत (413,609), मैक्सिको (236,240), पेरू (195,047), रूस (145,975), यूके (128,985), इटली (127,867), कोलंबिया (116,307), फ्रांस (111,662) और अर्जेंटीना (101,549) मरने वालों की संख्या 100,000 से ज्यादा है।
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