स्टॉकहोम कभी यहूदियों को 'सूअर और बंदरों का बच्चा' कहने वाले स्वीडन के रोजेनगार्ड शहर के इमाम बसेम महमूद ने अब ईसाइयों के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने देश के झंडे को ही बैन करने का ऐलान कर दिया है। उन्हें दिक्कत है इस पर बने 'क्रॉस' से जो ईसाइयों का धार्मिक प्रतीक है। उन्होंने बेहद भड़काऊ भाषण में क्रॉस पहनने वालों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया है। 'क्रॉस को नष्ट किया' Expressen अखबार के मुताबिक मोहम्मद उन स्टूडेंट्स से भी परेशान हैं जो स्वीडन का झंडा लहराकर जश्न मनाते हैं। उन्होंने क्रॉस की पूजा करने वालों को 'अधर्मी' बताया है। रोजेनगार्ड की अल-सहाबा मस्जिद में इमाम ने कहा है कि अगर कोई क्रॉस पहनता है तो वह उसे उतारने का आदेश देते हैं। उन्होंने कहा, 'जब भी किसी प्रॉफेट ने किसी को क्रॉस पहने देखा है, तो उसे नष्ट किया हैै। 'गैर-मुस्लिम से बात न करें' इमाम ने इस्लाम की सबसे अहम मस्जिदों में से एक अल-अक्सा को भी फतह करने की अपील की है। यह यरूशलम में टेंपल माउंट पर स्थित है। उनका कहना है यहूदियों को मारना चाहिए और लोगों को अपने बच्चों को भी यही शिक्षा देनी चाहिए। इमाम का कहना है, 'गैर-मुस्लिम शख्स से बात मत करिए, वे आपसे बात करें तो आप उन्हें वैसे जवाब दीजिए जैसे पैगंबर देते थे।' इमाम ने भड़काऊ भाषण में कहा है कि यहूदियों ने पैगंबरों को मारा है और उनका सिर भी तोड़ देना चाहिए। पहला मौका नहीं इससे पहले वह यहूदियों को 'सूअर और बंदरों का बच्चा' भी कह चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में यहूदी युवा असोसिएशन ने उनके खिलाफ नफरत भड़काने की शिकायत पुलिस में की थी। उस मामले की जांच चल रही है।
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