Friday 30 July 2021

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पेइचिंग भारत से तनाव के बीच चीन पश्चिमी रेगिस्तान में बने अपने परमाणु टेस्टिंग साइट का तेजी से विस्तार कर रहा है। नई सैटेलाइट इमेज में दावा किया गया है कि चीन लोप नूर में बने अपने परमाणु परीक्षण स्थल के पास नई सुरंग को खोद रहा है। इतना ही नहीं, इस साइट को नई-नई सड़कों से भी जोड़ा जा रहा है। चीन ने 16 अक्टूबर 1964 को इसी जगह पर 22 किलोटन के अपने पहले परमाणु बम का परीक्षण किया था। जिसके बाद चीन ने इस जगह पर अबतक कुल 45 परमाणु परीक्षण किए हैं। बड़ा सवाल- सुरंगों का कैसे इस्तेमाल करेगा चीन? इस सुरंग को सबसे पहले प्राइवेट भू-स्थानिक एनलसिस फर्म ऑलसोर्स एनालिसिस ने प्लैनेट की सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण कर पता लगाया था। बाद में अमेरिकी एनजीओ मीडिया एनपीआर से बातचीत करते हुए ऑलसोर्स एनालिसिस में विश्लेषण और संचालन के उपाध्यक्ष रेनी बाबियारज ने कहा कि यह उन क्षेत्रों से जुड़ा नया निर्माण है, जहां अतीत में परमाणु परीक्षण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन सुरंगों का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। 1996 के बाद से चीन ने नहीं किया है कोई परमाणु परीक्षण चीन ने 1996 के बाद से पूर्ण पैमाने पर परमाणु परीक्षण नहीं किया है। इस दौरान दुनिया के कई प्रमुख परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने नए परीक्षणों पर खुद ही रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में भी अमेरिका, चीन और रूस समय समय पर परमाणु हथियारों के गैर परमाणु पार्ट्स का परीक्षण करते रहे हैं। कई बार तो इन परीक्षणों को जमीन के नीचे आयोजित किया गया है, जिससे बाकी दुनिया को इसके बारे में पता न चल सके। चीनी दूतावास ने टिप्पणी से किया इनकार इस सुरंग को लेकर एनपीआर के सवाल पर वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि चीन परमाणु परीक्षण स्थगन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अमेरिका के उन आरोपों पर भी आपत्ति जताई जिसमें दावा किया गया था कि चीनी सरकार किसी भी तरह से व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि को कमजोर करने की कोशिश कर रही थी दो जगह परमाणु मिसाइल ठिकाने बना रहा चीन नई सुरंग की खबर चीन के दो अलग-अलग हिस्सों में परमाणु मिसाइलों के लिए ठिकाने बनाने के बीच आई है। रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन शिनजियांग प्रांत के हामी शहर के पास रेगिस्‍तान में 110 परमाणु मिसाइल साइलो का निर्माण कर रहा है। सबसे खतरनाक बात यह है कि किलर मिसाइल साइलो भारत से मात्र 2000 किमी की दूरी पर स्थित है। चीन के पास ऐसी कई मिसाइलें हैं जिनकी रेंज में समूचा भारत आता है। साइलो एक तरह से स्टोरेज कंटेनर होते हैं, जिनके अंदर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें रखी जाती हैं। युमेन शहर के पास चीनी मिसाइलों का दूसरा ठिकाना इससे पहले चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर युमेन के पास रेगिस्तान में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए 100 नए साइलो का निर्माण करने का खुलासा हुआ था। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्‍ट ने ताजा तस्‍वीरों के आधार पर बताया कि चीन ने दूसरे मिसाइल साइलो के लिए खुदाई शुरू कर दी है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा कि इस विस्‍तार से चीन की परमाणु हमला करने की ताकत काफी बढ़ जाएगी। चीन में हामी और यूमेन दोनों ही ऐसी जगहें हैं जहां पर अमेरिका अपनी परंपरागत क्रूज मिसाइलों के जरिए हमला नहीं कर सकता है। ऐसे में अमेरिका को इन्‍हें तबाह करने के लिए खासतौर पर अपनी परमाणु मिसाइलों का इस्‍तेमाल करना होगा। दुनिया को ताकत दिखा रहा चीन वैज्ञानिकों ने बताया कि 800 वर्ग किलोमीटर के इलाके में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि मिसाइल साइलो का निर्माण इसी साल शुरू हुआ है। चीन ने कई साल तक चुप्‍पी साधने के बाद अब दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराना शुरू कर दिया है। वर्ष 1960 के दशक में परमाणु बम का परीक्षण करने के बाद चीन ने कई दशक तक न्‍यूनतम परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने पर बल दिया था।


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