जोहानिसबर्ग हिंद महासागर से सटे दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के बाद हालात युद्ध जैसे हो गए हैं। देश के कई इलाकों में जमकर लूटपाट और हिंसा हो रही है और अब तक करीब 72 लोग मारे गए हैं। इस हिंसा की आंच में अब दक्षिण अफ्रीका में रह रहे 13 लाख भारतीय भी बड़े पैमाने पर झुलस रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री के साथ बात की है। दक्षिण अफ्रीका में जारी इस पूरे विवाद से यूपी के रहने वाले गुप्ता बंधुओं का भी बड़ा करीबी संबंध रहा है। दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों का कहना है कि जोहानिसबर्ग और क्वाजुलु नटाल में बड़े पैमाने पर भारतीय मूल के लोगों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में रह रहे सभी 13 लाख भारतीयों को अभी खतरा नहीं है लेकिन स्थितियां उसी तरफ बढ़ती दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दक्षिण अफ्रीका की सरकार से अपील कर रहे हैं कि सुरक्षाबलों को सहायता के लिए भेजा जाए लेकिन वे नहीं आ रहे हैं। भारतीयों की दुकानों, बिजनस और घरों को जलाया गया हिंसापूर्ण माहौल के बीच भारतीयों और भारतीय मूल दक्षिण अफ्रीकी लोगों के साथ आगजनी और लूटपाट की खबरें काफी आ रही हैं। राष्ट्रपति रामफोसा ने भी देश के नाम संबोधन में कहा था कि अवसरवादी लोग स्थिति का फायदा उठा रहे हैं और लूटपाट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं आपराधिक हैं न कि राजनीतिक या नस्ली। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भारतीयों की दुकानों, बिजनस और घरों को जलाया गया है। यही नहीं उन पर पेट्रोल बम भी फेंका गया है। भारतीयों के बिजनस और कार को आग लगा दी गई है। भारतीय अपनी कम संख्या के कारण दंगाइयों से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस को गोली चलाने का अधिकार नहीं दिया गया है जिससे उनकी जान भी खतरे में है। इस पूरे विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में 15 महीने की कैद की सजा सुनाई गई। काफी विवाद के बाद जुमा ने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति जुमा ने अपने कार्यकाल से दौरान हुए भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रहे आयोग के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है। जैकब जुमा पर लगे भ्रष्टाचार के मामलों में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधु भी आरोपी हैं। ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी सरकार यूएई से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। जुमा के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप 79 साल के जैकब जुमा पर 2009 से 2018 के बीच करीब नौ वर्ष तक पद पर रहते हुए सरकारी राजस्व में लूट-खसोट होने का आरोप है। अदालत ने यह भी कहा कि यह सजा निलंबित नहीं की जा सकती है। विभिन्न संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे आयोग ने कहा था कि जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए। जुमा ने बार-बार कहा था कि आयोग के साथ सहयोग करने के बजाय वह जेल जाएंगे। न्यायाधीश खाम्पेपे ने कहा कि अदालत इस फैसले पर पहुंची है कि जुमा अदालत की अवमानना के दोषी हैं। इस सांविधिक अदालत का मानना है कि जिस व्यक्ति (जुमा) ने दो बार गणतंत्र (दक्षिण अफ्रीका), इसके कानून एवं संविधान की शपथ ली, उसने कानून की उपेक्षा की, इसे कमतर आंका और कई तरह से इसे खत्म करने का प्रयास किया। पीठ के ज्यादातर न्यायाधीश यह मानते हैं कि कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि इस तरह से अवज्ञा और उल्लंघन गैर कानूनी है और दंडित किया जाएगा। इस भ्रष्टाचार में गुप्ता बंधुओं की भी भागीदारी भ्रष्टाचार के इन मामलों में गुप्ता बंधु भी आरोपी हैं, जो इस समय यूएई में स्वनिर्वासन की जिंदगी जी रहे हैं। पचास अरब रैंड के भ्रष्टाचार में जुमा मुख्य आरोपी हैं जिसमें तीन गुप्ता बंधु भी शामिल हैं। गुप्ता बंधुओं ने उनके साथ कथित तौर पर निकटता के कारण भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। गुप्ता बंधुओं ने जुमा के दो बच्चों को भी कथित तौर पर फायदा पहुंचाया। दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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