Thursday, 15 July 2021

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मॉस्को के MiG-31 और सुखोई एसयू-35 लड़ाकू विमानों ने अब बेरिंग सागर के ऊपर उड़ान भर रहे के तीन B-52H बमवर्षकों को खदेड़ दिया है। पिछले 8 दिनों में यह तीसरी ऐसी घटना है, जब अमेरिकी एयरक्राफ्ट्स को रूसी लड़ाकू विमानों ने खदेड़ा है। रूसी सेना ने कहा कि सीमा के पास तीन अमेरिकी बी-52 बमवर्षक विमानों को देखने के बाद चार लड़ाकू विमानों को इनकी निगरानी के लिए भेजा गया। अमेरिकी बमवर्षकों की निगरानी के लिए रूस ने भेजे लड़ाकू विमान रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूसी हवाई क्षेत्र की निगरानी में लगे रडार ने बेरिंग सागर के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में तीन हवाई लक्ष्यों का पता लगाया। ये विमान रूसी हवाई सीमा के काफी नजदीक उड़ान भर रहे थे। जिसके बाद रूसी राष्ट्रीय रक्षा नियंत्रण केंद्र ने हवाई लक्ष्यों की पहचान करने और रूसी हवाई क्षेत्र में अवैध प्रवेश को रोकने के लिए पूर्वी सैन्य जिले के एयर डिफेंस फोर्सेज के मिग-31 और एसयू-35 लड़ाकू विमानों को भेजा गया। रूसी विमानों ने बी-52 को दूर भेजा रूसी राष्ट्रीय रक्षा नियंत्रण केंद्र ने बताया कि रूसी लड़ाकू विमानों ने इन हवाई लक्ष्यों की पहचान अमेरिकी वायु सेना ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के बी-52एच रणनीतिक बमवर्षकों के रूप में। जिसके बाद वे अमेरिकी विमानों को बेरिंग सागर में रूसी हवाई क्षेत्र से दूर लेकर गए। उन्होंने बताया कि यह कदम रूस के हवाई क्षेत्र में किसी भी अवैध प्रवेश को रोकने के लिए उठाया गया। 8 दिनों में यह तीसरी घटना रूस की हवाई सीमा के पास अमेरिकी विमानों को खदेड़ने की यह कोई पहली घटना नहीं है। एक दिन पहले ही रूस के सुखोई एसयू-27 लड़ाकू विमान ने काला सागर के ऊपर उड़ान भर रहे अमेरिका के RC-135 टोही विमान को भगाया था। जबकि, 8 जुलाई को रूसी वायु सेना के सुखोई एसयू-30एसएम लड़ाकू विमानों ने काला सागर के ऊपर से अमेरिकी बोइंग पी-8 पोसाइडन मैरिटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट को दूर जाने पर मजबूर किया था। अमेरिका का बोइंग पी-8 पोसाइडन कितना खतरनाक अमेरिका के बोइंग पी-8 पोसाइडन को पनडुब्बियों का काल माना जाता है। ये एयरक्राफ्ट एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वारफेयर को अंजाम देने में सक्षम हैं। लंबी दूरी तक समुद्र में पेट्रोलिंग करने के कारण अमेरिका इसे पूरी दुनिया में तैनात कर रखा है। इसकी ऑपरेटिंग रेंज 1,200 नॉटिकल माइल है। इस एयरक्राफ्ट की अधिकतम रफ्तार 907 किलोमीटर प्रति घंटा है। रडार से लैस ये एयरक्राफ्ट खुफिया और किसी भी तरह के जोखिमों से निपटने में सक्षम है। इसमें खतरनाक हारपून ब्लॉक-II मिसाइलें, MK-54 कम वजन वाले विध्वंसक मौजूद हैं। कितना खतरनाक है रूस का सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान रूस का सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान मल्टीरोल के साथ एयर सुपीरियॉरिटी एयरक्राफ्ट भी है। इसका मतलब यह लड़ाकू विमान दुश्मन के ग्राउंड ठिकानों पर हमला करने के साथ-साथ दुश्मन के किसी भी एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम है। इतना ही नहीं, यह लड़ाकू विमान दुश्मन के दागे किसी भी मिसाइल को कलाबाजियों के जरिए चकमा भी दे सकता है। इसे सुखोई एसयू-27 विमान से विकसित किया गया है। इस लड़ाकू विमान को 1996 से लेकर अब तक दुनिया के चार देश ऑपरेट कर रहे हैं।


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