Thursday 22 July 2021

https://ift.tt/36CAGd7

दाबनचेंग चीन और शायद दुनिया के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर में 10,000 लोगों को रखने की जगह बनाई गई है और जरूरत पड़ने पर इससे भी ज्यादा लोगों को यहां रखा जा सकता है। हमेशा इसे लेकर आरोपों का खंडन करने वाले चीन ने कुछ पत्रकारों को सुदूर पश्चिम शिनजियांग क्षेत्र में सरकारी दौरा कराया और इस दौरान असाधारण पहुंच दी गई। यहां उन्होंने इस डिटेंशन सेंटर के कुछ हिस्सों को देखा। करीब 220 एकड़ में फैला हुआ उरुमकी नंबर तीन डिटेंशन सेंटर वेटिकन सिटी के क्षेत्रफल से दोगुना है। इसके सामने लगे एक संकेत बोर्ड पर इसकी पहचान मुकदमे से पहले के डिटेंशन सेंटर के रूप में की गई है। चीनी अधिकारियों ने कैदियों की संख्या बताने से इनकार करते हुए कहा कि संख्या अलग-अलग हो सकती है लेकिन दौरा करते वक्त सैटलाइट से ली गईं तस्वीरों वगैरह के आधार पर कहा जा सकता है कि इसमें 10,000 से ज्यादा लोगों को रखा जा सकता है। अब भी कैदी हैं अल्पसंख्यक यह स्थान दिखाता है कि चीन ने अब भी उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर में रखा हुआ है और उन्हें कैद रखने की योजना है। सैटलाइट से ली गईं तस्वीरों से पता चलता है कि 2019 में दाबनचेंग डिटेंशन सेंटर में लगभग एक मील लंबी नई इमारतों को जोड़ा गया था। शिनजियांग के मूल निवासी कुछ चरमपंथी उइगरों द्वारा चाकू मारने और बमबारी की कई घटनाओं के बाद चीन ने पिछले चार वर्षों में एक लाख या अधिक अल्पसंख्यकों को डिटेंशन सेंटर में रखने के अपने व्यापक प्रयास को 'आतंक के खिलाफ युद्ध' के रूप में वर्णित किया है। इसके सबसे विवादास्पद पहलुओं में तथाकथित व्यावसायिक 'प्रशिक्षण केंद्र' थे - जिन्हें पूर्व बंदियों ने कांटेदार तार और सशस्त्र गार्डों से घिरे क्रूर नजरबंदी शिविरों के रूप में वर्णित किया था। नए केंद्र भी बनाए गए चीन ने पहले इनके अस्तित्व से इनकार किया था और बाद में भारी अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बाद, 2019 में कहा था कि वहां रखे गए सभी लोग 'स्नातक' हो गए हैं। बहरहाल दाबनचेंग में एजेंसी का दौरा, सैटलाइट से ली गई तस्वीरों और विशेषज्ञों और पूर्व बंदियों के साथ साक्षात्कार दिखाते हैं कि कई 'प्रशिक्षण केंद्र' भले ही बंद हो गए हों लेकिन इसके जैसे कुछ केंद्रों को जेलों या मुकदमा पूर्व डिटेंशन सेंटरों में परिवर्तित कर दिया गया। इसके अलावा कई नये केंद्रों का भी निर्माण किया गया है जिनमें दाबनचेंग में सड़क नंबर तीन से नीचे 85 एकड़ में बनाया गया एक नया डिटेंशन सेंटर भी शामिल है। यह बदलाव अस्थायी एवं न्यायेतर 'प्रशिक्षण केंद्रों' को जेलों की एक अधिक स्थायी प्रणाली और कानून के तहत मुकदमे से पूर्व डिटेंशन सेंटरों में स्थानांतरित करने का प्रयास प्रतीत होता है। जहां, कुछ उइगरों को रिहा कर दिया गया है, वहीं अन्य को जेलों के इस नेटवर्क में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि कई मासूम लोगों को विदेश जाने या धार्मिक सभाओं में शामिल होने जैसी चीजों के लिए अक्सर डिटेंशन सेंटर में ढकेल दिया जाता है।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3eL60K7
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

https://ift.tt/36CAGd7

रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी...