
न्यूयॉर्क दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों में शुमार अंटार्कटिका पर भीषण गर्मी ने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अब मान लिया है कि अंटार्कटिका महाद्वीप पर पारा पिछले साल 18.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने बताया कि 6 फरवरी 2020 को अंटार्कटिका इलाके में स्थित आर्जेंटीना के इस्पेरंजा शोध स्टेशन पर तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। ऑर्गनाइजेशन के महासचिव पेट्टारी ताल्स ने कहा कि इस अधिकत तापमान के रेकॉर्ड की पुष्टि आवश्यक थी क्योंकि वहां के मौसम और जलवायु के बारे में एक व्यापक समझ बनाने में मदद करता है। उन्होंने कहा, 'अंटार्कटिका इलाका धरती के सबसे ज्यादा तेजी से गरम होते इलाकों में से एक है। यहां पर पारा 50 साल में 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। इसलिए जलवायु परिवर्तन के साथ यह तापमान लगातार बना हुआ है जिसका हम परीक्षण कर रहे हैं। 200 फुट तक बढ़ सकता है समुद्र का जलस्तर संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने ब्राजील के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सेयमोउर द्वीप समूह के पास तापमान 20.75 रेकॉर्ड किया गया है। इससे पहले अंटार्कटिका में अधिकतम पारा 17.5 डिग्री सेल्सियस वर्ष 2015 में दर्ज किया गया था। बढ़ती गर्मी के संकेत के बाद संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने इस पूरे इलाके के मौसम की स्थिति की जांच की थी। उन्होंने पाया था कि हवा का उच्च दबाव का क्षेत्र बना है, इससे गर्मी बढ़ रही है। इससे पहले नैशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर ने चेतावनी दी थी कि अंटार्कटिका धरती के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा तेजी से गरम हो रहा है। अंटार्कटिका में बर्फ के रूप में इतना पानी जमा है जिसके पिघलने पर दुनियाभर में समुद्र का जलस्तर 200 फुट तक बढ़ सकता है। नेचर पत्रिका के मुताबिक वर्ष 1880 के बाद समुद्र के जलस्तर में औसतन 9 इंच की बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें से एक तिहाई पानी ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ पिघलने से आया है।
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