वॉशिंगटन अफगानिस्तान में बिगड़े हालात के बीच अमेरिका इन दिनों दोस्तों से ज्यादा दुश्मनों को साधने पर जोर दे रहा है। बाइडन प्रशासन में पहली बार अमेरिका के दुश्मन नंबर एक बने चीनी सेना के साथ बातचीत की है। दोनों देशों के बीच ताइवान, साउथ चाइना सी, उइगुर, तिब्बत और हॉन्ग कॉन्ग जैसे अनगिनत मुद्दों पर तनाव चरम पर है। एक दिन पहले ही अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत को ताइवान की खाड़ी के पास से गुजरने पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दुश्मनों से दोस्ती कर रहे बाइडन जो बाइडन अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका के दुश्मन देशों से दोस्ती की पहल कर रहे हैं। इसी साल जून महीने में बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जिनेवा में यूएस-रूस शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी। इसके पहले उन्होंने पिछले 20 साल से अफगानिस्तान में जंग लड़ रही अमेरिकी सेना को पहले से निर्धारित डेडलाइन से पहले घर बुलाने का ऐलान किया था। अमेरिका बैक चैनल के जरिए वेनेजुएला और क्यूबा के साथ भी बातचीत में लगा हुआ है। चीन से बेहतर संबंध बनाना चाहता है अमेरिका! अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया है कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका और चीन के बीच जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद पहली बार चीनी सेना के साथ बातचीत की है। अमेरिका ने वर्षों से चीन को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के केंद्र में रखा है। बाइडन प्रशासन ने पेइचिंग के साथ प्रतिद्वंदिता को इस सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा बताया है। बातचीत के रास्ते खुले रखने का क्यों कर रहे समर्थन तनाव और गरमागरम बयानबाजी के बावजूद अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने बे समय से अपने चीनी समकक्षों के साथ बातचीत के रास्ते खुले रखने का समर्थन किया है। अमेरिका का कहना है कि ऐसा करने से दुनिया के किसी भी कोने में अमेरिका और चीन के बीच संघर्ष को तत्काल रोका जा सकता है। चीन पर अमेरिका के रक्षा उप सहायक सचिव माइकल चेज ने पिछले हफ्ते पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफिस फॉर इंटरनेशनल मिलिट्री कोऑपरेशन के डिप्टी डायरेक्टर और चीनी सेना में मेजर जनरल हुआंग ज़ुएपिंग के साथ बात की थी। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने नहीं की बात अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि (उन्होंने) सुरक्षित वीडियो कॉन्फ्रेंस करने के लिए यूएस-पीआरसी डिफेंस टेलीफोन लिंक का इस्तेमाल किया। अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष दोनों सेनाओं के बीच संचार के खुले चैनल बनाए रखने के महत्व पर सहमत हुए। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने अभी तक अपने चीनी समकक्ष के साथ बात नहीं की है, क्योंकि इस बात पर बहस चल रही थी कि कौन सा चीनी अधिकारी ऑस्टिन का समकक्ष था। दुश्मनों से दोस्ती क्यों करना चाहते हैं बाइडन? जो बाइडन के अमेरिका के सभी दुश्मन देशों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के पीछे एक सोची समझी रणनीति है। बाइडन प्रशासन यह नहीं चाहता कि अमेरिकी सेना अब बिना किसी बड़े फायदे के किसी विदेशी देश के साथ तनावपूर्ण संबंध रखे। पिछले चुनाव में भी अमेरिकी वोटरों ने अपने देश की सेना को किसी विदेशी देश के झगड़े में नहीं पड़ने का समर्थन किया था।
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