
काबुल अफगानिस्तान में 10 हजार से अधिक आतंकी भेजकर खून बहाने में जुटे पाकिस्तान ने अब तालिबान को बचाने के लिए एक और चाल चली है। पिछले कई दिनों से तालिबान की तारीफ के पुल बांध रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने तालिबान आतंकियों की हिंसा के बचाव में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) का दांव चला है। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान सत्ता में आते हैं तो आईएस का अफगानिस्तान से सफाया कर देंगे। कुरैशी ने मुल्तान में मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि अफगान सुरक्षाबलों में आईएस से लड़ने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान क्षेत्र के अन्य देशों के साथ विचार विमर्श कर रहा है ताकि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में विकास और समृद्धि आए। उनका इशारा चीन की ओर था जहां अभी तालिबान नेता वार्ता के लिए गए थे। अफगान राष्ट्रपति का इशारा पाकिस्तानी आतंकियों की ओर पाकिस्तान भले ही यह दावा कर रहा हो कि तालिबान आईएस का खात्मा कर देंगे लेकिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि तालिबान में कोई बदलाव नहीं आया है। उनकी कोई शांति या अफगानिस्तान के विकास की इच्छा नहीं है। गनी ने कहा कि तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय उग्रवादी गुटों को देश में आने की अनुमति दी। अफगान राष्ट्रपति का इशारा पाकिस्तानी आतंकियों की ओर था। गुरुवार को अफगानिस्तान के शांति वार्ताकार फौजिया कूफी ने कहा था कि विदेशी तालिबान अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अपगानिस्तान-ताजिकिस्तान की सीमा पर खासतौर पर विदेशी तालिबान सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी तालिबान की उपस्थिति से क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तानी तालिबान इस समय हेरात शहर पर हमले कर रहे हैं। वहां सरकार को ज्यादा सेना भेजनी पड़ी है। इस बीच रूस ने कहा कि अगर ताजिकिस्तान की सीमा पर हालात खराब हुए तो रूसी सेना हस्तक्षेप करेगी।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3j98yTJ
via IFTTT
No comments:
Post a Comment